रांची(RANCHI ): अब यह बिल्कुल क्लियर हो गया है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भाजपा में आ रहे हैं. भाजपा ने तो पहले से ही द्वार खोल कर रखा था. चंपई सोरेन हिचकिचा रहे थे. उन्हें लग रहा था कि कोल्हान में उनका जो सम्मान है. भाजपा में आकर रहेगा या नहीं, इस दुविधा में चंपई सोरेन पड़े हुए थे. लेकिन अंततः यह तय हो गया कि भाजपा में वे आ रहे हैं. 30 अगस्त को एक बड़े कार्यक्रम में उन्हें भाजपा का पट्टा पहना दिया जाएगा. भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता इसमें शामिल होंगे.
जानिए किसने चंपाई सोरेन को भाजपा में आने के लिए प्रेरित किया
खैर चलिए गाड़ी को आगे बढ़ाते हैं और जानते हैं कि चंपई सोरेन बहुत खुलकर क्यों नहीं अब तक बोल रहे थे. भाजपा में एंट्री के बारे में उन्होंने सोमवार को भी दिल्ली में कुछ नहीं कहा. जबकि रात में मुलाकात तय थी. असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता विश्वा सरमा मध्यस्थ बने. उनकी बात चंपाई सोरेन से पहले हो चुकी थी. अब जानिए एक और शख्स के बारे में जिसने भाजपा में जाने के लिए या तो प्रेरित किया या फिर दबाव बनाया. उस व्यक्ति का नाम है बाबूलाल सोरेन. चंपाई सोरेन के सुपुत्र बाबूलाल सोरेन की इच्छा थी कि उनके पिता यानी चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल होकर अगला विधानसभा चुनाव लड़ें. वैसे जो जानकारी है उसके हिसाब से चंपई सोरेन चाहते थे कि अलग संगठन बनाकर वह विधानसभा चुनाव में लड़ें. उनका इस संबंध में संकेत भी साफ तौर पर आ गया था लेकिन पुत्र के सुझाव के आगे वह भाजपा में आने के लिए बाध्य हो गए. उन्हें भाजपा में अपने पिता का स्वर्णिम भविष्य नजर आ रहा है.
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