ये क्या बोल गयें इरफान! राहुल गांधी को बताया स्वर्गीय, अडाणी और अंबानी की आवाज

अपनी इसी कमजोरी को इरफान अपनी राजनीतिक ताकत भी समझते  हैं, उन्हे लगता है कि पत्रकारों का यह झुंड उनकी ओर उनके वाक्पटुता के कारण दौड़ता है, जबकि सच्चाई यह कि पत्रकारों को इरफान से विवादित सुर्खियों की खोज रहती है, जिसे अखबारों का हेडलाइन बनाया जा सके, फिलहाल इरफान ने कल के लिए अखबारों की सुर्खियों को तय कर दिया है.