टीएनपी डेस्क(TNP DESK)- देश में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर चर्चा तेज चल रही है.इसे लागू किया जाना चाहिए या नहीं यह एक बड़ा विषय बना हुआ है. समान नागरिक संहिता को लेकर नेशनल लॉ कमीशन (NLC) ने लोगों से संस्थाओं से अपने अपने सुझाव मांगे थे.
नेशनल लॉ कमीशन को मिली लाखों प्रतिक्रियाएं
राष्ट्रीय विधि आयोग यानी नेशनल लॉ कमिशन ने देश के लोगों से संगठनों से जो सुझाव मांगे थे.उसकी मियाद पूरी हो गई है.आयोग से जुड़े सूत्रों के अनुसार 46 लाख से अधिक प्रतिक्रियाएं लोगों को मिली हैं. इस विषय पर बहुत सारे लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है यानी लोगों ने कहा है कि एक देश के लिए एक नागरिक कानून होना चाहिए. बहुत सारे संगठनों ने भी समान नागरिक संहिता की वकालत की है. वहीं बहुत सारे लोगों ने इसका विरोध किया है और कहा है कि यह देश में विद्वेष फैलाने वाला काम होगा,अगर इसे लागू किया जाता है तो.
मालूम हो कि कई राजनीतिक दल भी समान नागरिक संहिता के खिलाफ हैं.खासकर भाजपा विरोधी सोच रखने वाले राजनीतिक दल इसे गैरजरूरी मानते हैं. वहीं कई राजनीतिक दल से सही कदम मान रहे हैं बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भी इसकी वकालत की है. लेकिन कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत कई राजनीतिक दल इसके विरोध में हैं.
अब आगे क्या करेगा आयोग
राष्ट्रीय विधि आयोग ने देश के लोग और संगठनों से समान नागरिक संहिता पर उनके विचार अब इन प्रतिक्रियाओं को संकलित करके इसे वर्गीकृत किया जाएगा. इसके अतिरिक्त आयोग विभिन्न संगठनों को भी बुलाकर विचार विमर्श कर सकता है. कुछ प्रमुख बुद्धिजीवी या विशेषज्ञों को भी आयोग बुलाकर उनका विश्लेषणात्मक विचार संग्रहित कर सकता है. इसके बाद राष्ट्रीय विधि आयोग भारत सरकार को अपनी अनुशंसा भेजेगा. इसके आधार पर भारत सरकार आगे का निर्णय लेगी.
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