TNP DESK- इसराइल और हिजबुल्ला के बीच युद्ध विराम पर समझौता हो गया है. इस युद्ध में हजारों लोग मारे गए. इजरायल इस निर्णय पर पहुंचने के लिए बहुत ही कूटनीतिक रणनीति के साथ आगे बढ़ा है. इजराइल हिज्बुल्लाह को ठिकाने लगाने के लिए कटिबद्ध है लेकिन वह ईरान समर्थित इस आतंकी संगठन से युद्ध विराम के लिए तैयार हो गया है. 27 नवंबर की आधी रात से यह लागू हो जाएगा.
इसराइल आखिर क्यों हुआ युद्ध विराम के लिए तैयार
इजरायल की युद्ध लड़ने की क्षमता अद्भुत है. इसराइल ने कहा है कि वह युद्ध विराम के लिए इसलिए तैयार हुआ है कि उसे कई चीजों की जरूरत है. हिज्बुल्लाह से समझौता के बाद इसराइल अभी थोड़ा आराम करेगा.उसकी सेना को आराम की जरूरत है.इसके अलावा अत्याधुनिक हथियार का भंडारण करेगा क्योंकि वह अपने मकसद के लिए और सशक्त होना चाहता है. इजरायल ने साफ तौर पर कहा है कि वह अपने बंधकों को किसी भी सूरत में छुड़ा कर रहेगा.हमास को मजबूती के साथ कुचलने के लिए वह रणनीति बना रहा है. हिजबुल्लाह के साथ समझौता के बाद हमास अलग-अलग पड़ जाएगा. इधर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजरायल के ऊपर युद्ध विराम का दबाव भी पड़ रहा था.
ईरान के बारे में क्या कहा इसराइल ने
हिजबुल्ला को ईरान से समर्थन मिल रहा थाq. उसी के दम पर इसराइल से वह युद्ध कर रहा था लेकिन इजरायल की सैन्य शक्ति के आगे हिजबुल्लाह कमजोर साबित होता रहा. युद्ध विराम के दौरान वह ईरान को सबक सिखाने की तैयारी पर ध्यान देगा.इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने साफ तौर पर कहा कि सेना के लिए रसद और हथियार के प्रबंधन में थोड़ी कमी थी. इसलिए उसे थोड़े समय की जरूरत थी. इधर अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे समूह 7 यानी G7 समूह के देश का इसराइल पर दबाव बढ़ रहा था.
4+