टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : प्रतापगढ़ में पुलिस की लापरवाही ने दो ममेरी बहनों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया. यह मामला प्रतापगढ़ के पीपलखूंट क्षेत्र का है. इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया. यह बहने पढ़ना चाहती थी मगर एक दरिंदा इन्हें पढ़ाई से रोक रहा था. अपनी पढ़ाई छूटने के कारण यह कई समय तक नाइंसाफी सहती रही मगर आखिरकार जब पुलिस का सहारा लिया गया तो उन्होंने भी इन लड़कियों के साथ इंसाफ नहीं किया चारों तरफ से थक हार कर इन लड़कियों ने मौत को गले लगा लिया.
जानिए पूरा मामला
इस घटना के बारे में बताया जा रहा है कि दो बहने एक साथ रहकर पढ़ाई करती थी. दोनों पीपलखूंट में किराया लेकर रहती थी. दोनों पढ़ने लिखने में काफी होशियार थी. मगर उनकी पढ़ाई के बीच एक लड़का आ गया जो इन दोनों का सहपाठी था यह लड़का इन्हें लगातार तीन-चार महीने से तंग कर रहा था .लेकिन लड़कियों ने पढ़ाई छूटने के डर से अपने परिवार वालों तक को नहीं बताया. इन्हें शायद डर था कि इस बात का पता चलते ही कहीं परिवार वाले पढ़ाई लिखाई ना छुड़ा दे. मगर बाद में इन्होंने थक हार कर परिवार वालों को बताया इसके बाद परिवार वाले पुलिस के पास पहुंचे मगर पुलिस कई दिनों तक इस मामले को टालती रही. इस बीच अपराधी इन्हें परेशान करता रहा इसके बाद दोनों बहनों ने यह बड़ा कदम उठा लिया.
परिजनों ने लगाया आरोप
इस मामले को लेकर परिजनों का कहना है कि उन्होंने एक आरोपी को पुलिस को सौंपा था. लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया. वह इंसाफ की गुहार लगाते रहे मगर उन्हें कोई न्याय नहीं मिला. इस मामले के सामने आने के बाद ही लापरवाही बरतने वाले थाना प्रभारी जीवतराम अहारी को लाइन हाजरी गया. वहीं अब एसबीआई अमित कुमार के द्वारा कहा गया है कि यदि जांच किए जाने के बाद किसी प्रकार की कोई गलती पाई जाती है तो इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
48 घंटे में 12 घटनाएं
इस मामले की संज्ञान में आते हैं राज्यपाल ने सीएम ‘महिला अपराध रोकने’ को लेकर एक पत्र लिखा है. राज्यपाल ने इस घटना को काफी चिंताजनक बताते हुए सीएम को ठोस कार्रवाई करने को कहा. दरअसल नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भाजपा के प्रमुख नेता है . बता दें कि पिछले 48 घंटे में महिलाओं के साथ अत्याचार को लेकर 12 घटनाएं घटी है. जिसे लेकर नेताओं ने ज्ञापन सौंपा है. दावा किया गया है कि 57 महीने में कांग्रेस सरकार में 35000 से ज्यादा महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुए हैं जिसमें 15000 नाबालिग बेटियां हैं.
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