TNP DESK- संयुक्त राज्य अमेरिका के नए राष्ट्रपति के बारे में आपने जान लिया है. डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं.शपथ ग्रहण समारोह को खास बनाने का प्रयास किया गया है. विश्व में एक बड़ी शक्ति के रूप में अमेरिका को जाना जाता है. डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव में अनेक लोक लुभावना वादे किए हैं. वहां की जनता को लगता है कि ट्रंप अपने चुनावी वादे पूरे करेंगे तो उनका भला होगा. शपथ ग्रहण समारोह के लिए वाशिंगटन डीसी में तैयारी पूरी कर दी गई है.
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से जुड़ी खास बातें
अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप एक मजबूत राष्ट्रपति के रूप में माने जा रहे हैं. उन्हें काफी समर्थन मिला है. अमेरिका के लोगों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप विश्व में अमेरिका के हितों की रक्षा करेंगे जिस प्रकार से डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव में प्रचार के दौरान चीन के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने का वादा किया था, इससे अमेरिका को फायदा होगा. डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले ही विश्व में उनकी धाक के उदाहरण मिले हैं.इसराइल और हमास के बीच युद्ध उनकी पहल पर रुक गया.यह भी उम्मीद की जा रही है कि रूस और यूक्रेन के बीच के संघर्ष को भी रुकवाया जाएगा.
वैसे यह भी आशंका का जताई जा रही है कि डोनाल्ड ट्रंप के आने से कुछ देशों को नुकसान हो सकता है परंतु भारत को इसका फायदा होगा. यह उम्मीद की जा रही है अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों को थोड़ी बहुत आशंका जरूर सता रही है परंतु H- 1 बी वीजा में कटौती का असर पड़ सकता है. परंतु हमें याद रखना चाहिए कि अमेरिका में टेक्नोलॉजी सेक्टर में भारतीय का दबदबा है. इसके बिना अमेरिका का कामकाज नहीं चल सकता है. इसलिए भारत के प्रति डोनाल्ड ट्रंप निश्चित रूप से लिबरल रहेंगे. जहां तक टैरिफ बढ़ाने की बात है टैरिफ बढ़ने से सबसे अधिक नुकसान चीन को होने की आशंका है. भारत के साथ अमेरिका के संबंध जो बिडेन के शासनकाल से और मजबूत होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डोनाल्ड ट्रंप का बहुत अच्छा संबंध रहा है.एक दूसरे को वे दोस्त मानते हैं.
भारतीय समय के अनुसार अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार रात 8.30 बजे शपथ लेंगे. ट्रंप के बारे में यह जान लीजिए की 131 साल के व्हाइट हाउस के इतिहास में चुनाव के बाद फिर से राष्ट्रपति बने वाले हुए पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे. भारत की विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए वाशिंगटन पहुंच गए हैं. दुनिया के लगभग 100 देश के प्रतिनिधि या शासन के प्रमुख इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे.
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