धनबाद(DHANBAD): आज साइलेंट किलर तंबाकू निषेध दिवस है. हर जगह पूरे देश में आज इसकी चर्चा होगी. तंबाकू पर प्रतिबंध लगाने तक की बात होगी लेकिन नियम को ताक पर रखकर सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू की बिक्री और सेवन पर हम कितना गंभीर हैं, इस पर भी आत्मचिंतन करने की जरूरत है.
"हमें भोजन की आवश्यकता है, तंबाकू की नहीं"
बच्चों और किशोरों को तंबाकू उत्पादों से दूर रखने के लिए स्कूल, कॉलेज परिसर के आसपास 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है. इसके बाद भी स्कूल, कॉलेजों के पास इनकी बिक्री हो रही है. उल्लंघन पर जुर्माने का नियम भी है लेकिन यह नियम कितनी कड़ाई से लागू है और हम इसे कितना मानते हैं, इस पर भी आज चिंतन करने की जरूरत है. इस साल डब्ल्यूएचओ ने "हमें भोजन की आवश्यकता है ,तंबाकू की नहीं" इसी थीम पर काम करने की सलाह दी है.
तंबाकू के सेवन से दुनिया भर में हर साल 80लाख से अधिक लोग मारे जाते हैं
एक आंकड़े के मुताबिक तंबाकू के सेवन से दुनिया भर में हर साल 80लाख से अधिक लोग मारे जाते हैं. बावजूद तंबाकू का इस्तेमाल बंद नहीं किया जा सका है. तंबाकू सिर्फ लोगों की जान ही नहीं ले रहा है, वह खेती योग्य जमीनों को भी बंजर बना रहा है. डब्ल्यूएचओ के आंकड़े के मुताबिक दुनिया भर में हर साल 35लाख हेक्टेयर जमीन पर तंबाकू उगाई जाती है. तंबाकू लगाने के लिए हर साल 2 लाख हेक्टेयर वनों की कटाई भी की जाती है. इस बार किसानों को तंबाकू के बजाय वैकल्पिक फसल पैदा करने के लिए जागरूकता पैदा करने की भी कोशिश की जा रही है.
खेती योग्य जमीनों को भी बंजर बना रहा तंबाकू
तंबाकू के उत्पादन के लिए खेतो में उर्वरकों की भारी मात्रा में उपयोग किया जाता है .जिसे मिट्टी को नुकसान पहुंचता है. इससे अन्य फसलों के उत्पादन की क्षमता घट जाती है. हमारे देश में तंबाकू सेवन के विभिन्न प्रकार हैं. सिगरेट ,बीड़ी, सिगार, हुक्का आदि के रूप में और धुआं रहित जैसे खैनी, पान और गुटके के रूप में तंबाकू का इस्तेमाल किया जाता है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉक्टर कहते हैं कि तंबाकू शरीर के हर अंग और तंत्र को नुकसान पहुंचाता है. तंबाकू में निकोटीन और अन्य जहरीले रसायन होते हैं. यहां तक कि अगर आप धुए में सांस नहीं लेते हैं, तब भी आप अपने मुंह की परत के माध्यम से हानिकारक रसायनों को अवशोषित करते हैं. किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन जिन बीमारियों का खतरा बढ़ाता है, उनमें कई गंभीर बीमारियां हैं. लोगों को इसका पता तब चलता है जब वह पूरी तरह से बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं. उसके बाद अस्पताल अस्पताल दौड़ते हैं, पैसे बर्बाद करते हैं फिर भी उनका जीवन नहीं बच पाता है. तो आइए आज प्रण कीजिए कि अब तंबाकू से दोस्ती नहीं रहेगी. किसानों को भी तंबाकू की वैकल्पिक फसल का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. बिहार के कई जिलों में तंबाकू की खेती खूब होती है. किसान कहते हैं कि तंबाकू से उनकी आमदनी अच्छी हो जाती है. इसलिए वह यह काम करते हैं. उन्हें भी समझाने की जरूरत है कि तंबाकू के बजाय अगर दूसरी फसल का पैदावार वह करेंगे तो इसे सबका भला होगा.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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