Bihar Politics: नीतीश कुमार "बैकफुट" पर या भाजपा, आगे -आगे देखिये होता है क्या?

TNP DESK: झारखंड में चुनाव हो गया, अब बिहार में होने की बारी है. फिलहाल बिहार में क्या कोई बड़ी राजनीतिक खिचड़ी पक रही है ?क्या सचमुच नीतीश कुमार बीमार है ? आखिर क्यों बिहार के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को यह कहना पड़ा की "2025 बिहार विधानसभा का चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. नीतीश कुमार ही एनडीए के चेहरा होंगे. यह सभी जानते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष के कहने का बहुत ज्यादा मतलब नहीं होता है , क्योंकि भाजपा हो अथवा कांग्रेस, चुनाव की राजनीति तो दिल्ली में तय होती है. शुक्रवार को एनडीए के सहयोगी दलों की बैठक जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के घर पर हुई.
एनडीए के सभी दलों की बैठक के बाद आया बयान
जिसमें गठबंधन के सभी दलों के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्य नेता शामिल हुए. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही "2025 में एनडीए बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेगा. इधर, शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत अचानक बिगड़ गई. इस वजह से शुक्रवार को उनके सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए. शायद नीतीश कुमार पटना में चल रहे ग्लोबल निवेशक सम्मेलन बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 में भी हिस्सा नहीं लिया. नीतीश कुमार को 23 दिसंबर से बिहार में प्रगति यात्रा पर जाना है. अब वह जा पाएंगे, अथवा नहीं ,इसमें संदेह दिख रहा है.
कई दिनों या महीनों से पक रही है बिहार में खिचड़ी
दरअसल, बिहार में कई दिनों से राजनीतिक खिचड़ी पक रही है. इसकी शुरुआत तब हुई ,जब गृह मंत्री अमित शाह ने कह दिया कि किसके चेहरे पर बिहार में चुनाव लड़ा जाएगा, इसका फैसला हम बाद में करेंगे. इसके बाद से ही बिहार की राजनीति करवट लेने लगी थी. इस बीच संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर के बारे में बयान को लेकर विवाद छिड़ गया. एनडीए और इंडिया ब्लॉक आमने-सामने हो गया. राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज करा दिया गया है. अब यहां से सवाल शुरू होता है कि बाबा साहेब अंबेडकर के पक्ष में कौन है, और कौन नहीं. नीतीश कुमार जैसे कई पॉलीटिशियंस के लिए यह परीक्षा की घड़ी है. वह अगर एनडीए के तरफ जाते हैं तो बिहार में उनके वोटरों को खिसकने का खतरा होगा और अगर चुप रहते हैं, तो भी उनका वोट बैंक फिसल सकता है. इसके बाद अचानक नीतीश कुमार बीमार पड़ गए.
23 से नीतीश कुमार को प्रगति यात्रा पर भी जाना है
23 से उन्हें प्रगति यात्रा पर भी जाना है. अभी से ही बिहार में यह चर्चा चलने लगी है कि एनडीए घटक दलों में कौन कितने सीटों से चुनाव लड़ेगा. इन सब के बीच नीतीश कुमार का बीमार पड़ना और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का यह कहना कि नीतीश के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा ,कई सवालों को जन्म देता है. महाराष्ट्र का उदाहरण नीतीश कुमार के सामने है. नीतीश कुमार कोई साधारण पॉलीटिशियंस नहीं है. सही समय पर किसी भी निर्णय के लिए नीतीश कुमार जाने जाते है. ऐसे में नीतीश कुमार का बीमार पड़ना और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का यह कहना कि नीतीश कुमार के चुनाव पर ही चेहरे पर ही चुनाव एनडीए बिहार में लड़ेगा. यह इस बात को इंगित करता है कि बिहार के एनडीए में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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