बिहार(BIHAR): मौसम की मार इस वर्ष ऐसी हुई है कि बिहार के मुजफ्फरपुर की शाही लीची का रंग और स्वाद दोनों बदल गया है. लाल और आकर्षक दिखने वाली शाही लीची का रंग इस वर्ष बादामी हो गया है. विशेषज्ञ बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण यह सब हुआ है. मुजफ्फरपुर की लीची की डिमांड अधिक होती है. विदेशों तक इसका निर्यात होता है, लेकिन इस साल लीची उत्पादन करने वालों के हाथ निराशा लगी है.
अधिक तापमान होने के कारण लीची का रंग बदल गया
विशेषज्ञ मानते हैं कि लीची पकने के समय औसत तापमान अधिक होने से लीची का रंग बदल गया है. बीज का आकार बढ़ गया है और लीची पहले से छोटी हो गई है. इससे स्वाद में भी अंतर आने लगा है. चटक रंग नहीं होने और आकार छोटा होने के कारण व्यापारियों को भी नुकसान होने लगा है. लीची पकने के समय तापमान लगभग 41 डिग्री तक पहुंच जाने से यह सब हुआ है. इसे लीची का छिलका झुलस गया है और उसका रंग लाल की जगह बदामी हो गया है.
इस साल किसान के हाथ लगी निराशा
बिहार की लीची अपने आप में प्रसिद्ध है. इसका स्वाद कुछ विशेष होता है. यही कारण है कि डिमांड अधिक होती है. बाहर से जाकर कारोबारी पहले ही लीची का बागान खरीद लेते हैं और उनका पोषण करते हैं. बहुत से किसान भी लीची का उत्पादन करते हैं. लेकिन इस साल सबको निराशा हाथ लग रही है. एक आंकड़े के मुताबिक लगभग 12000 हेक्टेयर में मुजफ्फरपुर जिले में लीची की खेती होती है.
रिपोर्ट:धनबाद ब्यूरो
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