रांची(RANCHI): ऑफिस ऑफ प्रॉफ़िट के मामले में सीएम हेमंत सोरेन की सदस्यता पर अब भी संशय बरकरार है. पिछले साल ही चुनाव आयोग ने अपना मन्तव्य राजभवन को भेजा है. इसके बाद अब राजभवन उस मन्तव्य का अध्ययन कर रहा है. इससे साफ है कि यह मामला अभी टला नहीं है. कभी भी राजभवन की ओर से सीएम की सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग के मन्तव्य को सामने ला सकता है.राज्यपाल ने साफ कहा कि अगर कोई गलत करता है तो उसे जो सजा मिलनी है वह मिल कर रहेगी.इससे साफ है कि आने वाले दिनों में फिर से एक बार राजनीति तपिश बढ़ी हुई दिख सकती है.
बता दे कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर खनन लीज मामले में चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी. सीएम पर आरोप लगा था की उन्होंने खुद खान मंत्री रहते हुए अपने ही नाम पर खनन पट्टा लिया है.ऐसे में यह मामला ऑफिस ऑफ प्रॉफ़िट का बनता है. इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन की ओर से भी चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखा था. जिसके बाद चुनाव आयोग ने अपना मन्तव्य राजभवन को भेज दिया. इसके बाद अब राजभवन इस पूरी रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है.संभवत आने वाले कुछ दिनों में राजभवन की ओर से इस फैसले को सार्वजनिक कर दिया जाएगा.
याद हो की पिछले साल इस लिफ़ाफ़े की वजह से राज्य में अस्थिरता के हालत बन गए थे. चुनाव आयोग के द्वारा जैसे ही मन्तव्य राजभवन भेजा गया उसके बाद राजभवन और सरकार के बीच दूरी देखि गई. खुल कर राज्यपाल और सीएम एक दुसरे पर बयानबाजी कर रहे थे. इसके बाद सभी विधायकों को रिज़ॉर्ट में शिफ्ट किया कर दिया गया. ऐसा लग रहा था की राज्य में सरकार अब गिरने वाली है. लेकिन कुछ दिनों के बाद हालत सामान्य हो गए. इस बीच अब फिर ठंड में राज्यपाल के द्वारा दिए बयान से राजनीतिक तपिश बढ़ सकती है.
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