पटना(PATNA): बिहार में जातीय गणना के दूसरे चरण का शुभारंभ हो गया है. इसके तहत लोगों की जाति और उनसे संबंधित अन्य जानकारियां एकत्रित की जाएंगी. बिहार सरकार ने प्रदेश के लोगों से इस गाने ना में उत्साह और सक्रियता से हिस्सा लेने की अपील की है. गणना करने वाले लोगों को सहयोग करने का आह्वान किया है.
15 अप्रैल से 15 मई तक चलेगी जातीय गणना
जातीय गणना पूरे 1 महीने तक चलेगी यानी 15 मई तक इसे पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है. इस दूसरे चरण में गणना के बाद राज्य स्तर पर पूरी रिपोर्ट बनेगी जिसकी सरकार समीक्षा करेगी. सरकार की योजना का लाभ देने और अन्य तरह की जानकारियों को इकट्ठा करने में यह गणना मददगार साबित होगी. इस चरण में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपनी जाति और अन्य वांछित जानकारी प्रगणक को अपने आवास बख्तियारपुर में उपलब्ध कराए. मालूम हो कि राज्य में 2.88 करोड़ परिवारों की पहचान की गई है. जातीय गणना के लिए 3.49 लाख प्रगणक और अधिकारी लगाए गए हैं. सरकारी सूत्रों के अनुसार राज्य स्तर पर मुख्य सचिव जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी और अनुमंडल स्तर पर एसडीओ इस काम की निगरानी करेंगे. बिहार सरकार की ओर से कहा गया है कि जातीय गणना के आंकड़ों से सरकार को बहुत लाभ होगा. बिहार में फिलहाल 534 प्रखंड और 261 नगर निकाय हैं. सभी क्षेत्रों में गणना शुरू हो गई है.
प्रत्येक परिवार से संपर्क कर पूछे जाएंगे कुल 18 सवाल
प्रगणक इस गणना के दौरान प्रत्येक परिवार से संपर्क कर उनसे कुल 18 सवाल पूछेंगे. इनमें सदस्य का पूरा नाम, पिता या पति का नाम, परिवार के मुखिया से संबंध, उम्र,लिंग, वैवाहिक स्थिति, धर्म, जाति का नाम, शैक्षणिक योग्यता, आर्थिक कार्यकलाप, आवासीय स्थिति, अस्थाई प्रवासीय स्थिति, घर में कंप्यूटर या लैपटॉप, मोटर वाहन, आवासीय भूमि, कृषि भूमि, सभी स्रोतों से मासिक आय और आधार संख्या लिए जाएंगे. यह गणना ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरफ से हो रही है.
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