उत्पाद सिपाही दौड़: झारखंड में चल रही उत्पाद सिपाही भर्ती में 12 अभ्यर्थियों की मौत के बाद अब सरकार ने कड़ा कदम उठाया है. बीते कल द न्यूज़ पोस्ट ने सरकार की उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़ा किया था. न्यूज़ पोस्ट ने जिन-जिन बिंदुओं पर सवाल उठाया था उन सभी पर सीएम ने संज्ञान लिया है. 12 अभ्यर्थियों की मौत के बाद हेमंत सोरेन ने उत्पाद सिपाही की भर्ती प्रक्रिया को अगले तीन दिनों तक स्थगित करने का निर्देश दिया है. यह जानकारी मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी. अब सवाल है कि 12 अभ्यर्थियों की मौत हो जाने के बाद सरकार ने यह कड़ा कदम उठाया. अगर पहले ही सरकार ने इस मामले में गंभीरता दिखाई होती तो शायद आज इन 12 अभ्यर्थियों की मौत ना होती. वहीं इस मामले में प्रदेश के डीजीपी ने भी गंभीरता दिखाते हुए अभ्यर्थियों के शव का पोस्टमार्टम कर जांच की बात कही है.
उत्पाद सिपाही भर्ती को लेकर जब पूरे मामले पर कोहराम मचा तो सीएम ने इस पर संज्ञान लिया. जब सीएम को लगा कि सिपाही भर्ती में कहीं कोई त्रुटि रह गई है तो उन्होंने नियमावली में भी संशोधन की बात कही. देरी ही सही लेकिन जब पुलिस और राजनीतिक दलों से अलग-अलग बात आती रही. पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे तब इन सभी मामलों पर सीएम ने बड़ा संज्ञान लिया. सीएम ने ट्वीट कर पीड़ित परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना भी व्यक्त की है.
सुबह 9:00 बजे बाद नहीं होगी दौड़
The News Post ने सवाल किया था कि अभ्यर्थियों के लिए दौड़ से पहले समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई. दौड़ से पहले अभ्यर्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण क्यों नहीं किया गया. सीएम ने इस मामले पर भी संज्ञान लिया है. तीन दिनों तक इस भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने के साथ ही सीएम ने दौड़ का आयोजन अब सुबह 9:00 बजे के बाद किसी भी सूरत में नहीं करने का निर्देश दिया है. यानी कि अब दौड़ सुबह 9:00 बजे के बाद नहीं होगी. जिन अभ्यर्थियों को दौड़ के पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण की जरूरत महसूस होगी उनके लिए चिकित्सकों की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी. साथ ही सभी सभी प्रतियोगिता स्थलों पर प्रतिभागियों के लिए फल और नाश्ते की व्यवस्था की जाए ताकि कोई भी अभ्यर्थी भूखे पेट दौड़ में हिस्साना लें.
विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक समिति बनाने का निर्देश
जब डॉक्टर और पुलिस की तरफ से यह स्टेटमेंट आया था कि अभ्यर्थी एस्टेरॉइड जैसी दवाओं का सेवन कर रहे हैं जिसकी वजह से वे बीमार हो रहे हैं तो न्यूज़ पोस्ट ने इस पर सवाल उठाया था कि जब बच्चे इस वजह से बीमार हुए हैं तो फिर स्वास्थ्य जाँच के लिए स्क्रीनिंग कमिटी क्यों नहीं की गई. मुख्यमंत्री ने इस मामले पर भी संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक समिति बनाने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा है कि विशेष टीम युवाओं की असामयिक मृत्यु के कारणों की समीक्षा करेगी. सरकार ने युवाओं की असामयिक मृत्यु के कारण का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन कर रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है.
नियमावली में बदलाव करने का निर्देश
सीएम ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाये गये नियमावली की अविलंब समीक्षा का निर्देश दिया है. साथ ही नियमावली में बदलाव करने का भी निर्देश दिया है. और सीएम ने शोकाकुल परिवार को सरकार की तरफ से तत्काल राहत पहुंचाने के लिए प्रस्ताव बनाने का भी निर्देश दिया गया है.
अभ्यर्थियों के शव का पोस्टमार्टम कर जांच का निर्देश: DGP
The News Post ने सवाल किया था की आख़िर जिन अभ्यर्थियों की मौत हो गई उसके पोस्टमार्टम में देरी क्यों की गई. प्रदेश के डीजीपी ने भी इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए अभ्यर्थियों के शव का पोस्टमार्टम कर जांच की बात कही है.
सीएम ने अपने ट्वीट में क्या लिखा
जोहार साथियों, उत्पाद सिपाही की नियुक्ति प्रक्रिया में दौड़ के क्रम में प्रतिभागियों की असामयिक मृत्यु दुःखद और मर्माहत करने वाली है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाये गये नियमावली की अविलंब समीक्षा का निर्देश देते हुए हमने इस ढंग की भविष्य की सभी बहालियों के लिए नियमावली में बदलाव करने का निर्देश दिया है, साथ ही इस प्रक्रिया में दुर्भाग्यवश पीड़ित और शोकाकुल परिवार को सरकार की तरफ से तत्काल राहत पहुंचाने के लिए प्रस्ताव बनाने का भी निर्देश दिया गया है। एहतियातन अगले 3 दिनों के लिए हमने इस भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्देश दिया है। दौड़ का आयोजन अब प्रातः 9 बजे के बाद किसी भी सूरत में नहीं की जाएगी। जिन अभ्यर्थियों को दौड़ के पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण की जरूरत महसूस होगी उनके लिए चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था होगी तथा सभी प्रतियोगिता स्थलों पर प्रतिभागियों के लिए नाश्ते/फल का व्यवस्था होगी जिससे कि कोई भूखे पेट दौड़ में हिस्सा न ले। आखिर किन कारणों से हमारे गांव - समाज के अपेक्षाकृत स्वस्थ / चुस्त लोग, पूर्व से चली आ रही शारीरिक परीक्षा में हताहत हो जा रहे हैं, आखिर झारखंड सहित देश में पिछले 3-4 वर्षों में सामान्य जन के स्वास्थ्य में ऐसा क्या बदलाव आया है ? इन युवाओं की असामयिक मृत्यु के कारणों की समीक्षा करने के लिए, जिससे की भविष्य में ऐसी दुर्घटना घटित न हो, हमने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की भी एक समिति का गठन कर परामर्श रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है।
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