Tnp sports:-लगातार सात मैच में सात जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप में अपनी दावेदारी जता दी है. सेमीफाइनल में रोहित की सेना पहुंच गई है. बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी सभी डिपार्टमेंट में भारत ने दमदार खेल का प्रदर्शन किया . बल्लेबाज तो तूफान मचाए हुए हैं, बॉलर्स भी तूफानी बॉलिंग से विपक्षी बल्लेबाजों की नींद हाराम किए हुए हैं.
खासकर मोहम्मद शमी की तूफानी गेंदबाजी चर्चा का विषय बनीं हुई, पिछले तीन मैच में ही खेलने का मौका शमी को मिला, जिसके बाद उसने दिखा दिया कि आखिर उनकी गेंद में कितना दम है औऱ गिल्लियां बिखेरने में वो कोई भी गलती नहीं करते हैं.
श्रीलंका के खिलाफ बरपाया कहर
श्रीलंका के सामने भारत ने 358 रनों की चुनौती रखी थी, लेकिन पूरी टीम 55 रन पर ही पवैलियन लौट गई. भारतीय पेसर्स के सामने लंकाई बल्लेबाज ताश के महल की तरह बिखर गई. इस मैच में शभी ने अपनी जबर्दस्त लाइन लेंथ की बदौलत 5 विकेट झटके. मीडिल और लोअर ऑर्डर को धवस्त कर जीत के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया. इस मैच में 5 ओवर में 18 रन देकर पांच विकेट चटकाएं और मैन ऑफ द मैच बनें
सिर्फ तीन मैच में 14 विकेट
मोहम्मद शमी शुरुआत के मैचों में प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं बनाया गया था. हार्दिक पंडया के चोटील होने के बाद उन्हें जगह मिली . इसके बाद तो अपने सेलेक्शन को शमी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में साबित कर दिया. उसने पांच विकेट झटककर सभी को चौका दिया. इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे मैच में 4 बल्लेबाजों को पवैलियन की राह पकड़ायी. श्रीलंका के खिलाफ अपने विश्व कप के तीसरे मैच में पांच विकेट लेने का एकबार फिर कारनामा कर डाला. इस तरह शमी ने 3 मैचों में 6.71 की एवरेज रखते हुए 14 विकेट चटकाए.
सही लाइन लेंथ में गेंदबाजी
मोहम्मद शमी ने अपनी कामयाबी के पीछे सटीक लाइन और लेंथ को मानते हैं . उनका कहना है कि उनकी कोशिश गेंद को पिच पर सही जगह टप्पा खिलाने की होती है. इसके बाद खुद ब खुद गेंद सही दिशा में जाने लगती है. शमी का मानना है कि अगर बड़े टूर्नामेंट में अगर लय बिगड़ जाती है, तो फिर वापसी करना मुश्किल हो जाती है, बाकी इसमे राकेट साइंस जैसी कोई चिज नहीं है. भारत विश्व क्रिकेट के इस महाकुंभ के सेमीफाइनल में जगह बना ली है और उसके चांसेज क्रिकेट के इस सबसे बड़े ट्रॉफी के जीतने की संभावना सबसे ज्यादा है.
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