कैबिनेट की बैठक में सरकार ने PESA पर नहीं की चर्चा, आदिवासी बुद्धिजीवियों में निराशा, हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 17 दिसंबर को


टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : हेमंत कैबिनेट की बैठक में आज कुल 33 प्रस्तावों की स्वीकृति दी गई. लेकिन पेसा कानून को लेकर आज के बैठक में चर्चा नहीं हुई, जिसके कारण आदिवासी बुद्धिजीवियों में नाराजगी देखने को मिल रही है. दरअसल पंचायती राज विभाग ने नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर कैबिनेट विभाग को भेज दिया था. अब कैबिनेट विभाग ने यह फ़ाइल अंतिम मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजी है. आज के कैबिनेट की बैठक में संभावना जताई गई थी कि हेमंत सरकार पेसा कानून से संबंधित बड़ा प्रस्ताव ला सकती है. लंबे समय से झारखंड में पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन और उससे जुड़े नियमों में संशोधन की मांग उठ रहे हैं, इसको लेकर हाईकोर्ट ने भी कड़ा रूख अपनाया है, मगर आज के बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई. आदिवासी बुद्धिजीवियों का कहना है कि झारखंड में पेसा कानून लागू नहीं होने से न केवल आदिवासी स्वशासन की भावना कमजोर पड़ रही है, बल्कि समुदाय के संवैधानिक अधिकार भी प्रभावित हो रहे हैं.
इस बीच, पेसा नियमों से संबंधित याचिकाओं पर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 17 दिसंबर को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ताओं ने अदालत से मांग की है कि सरकार को पेसा के मूल प्रावधानों के अनुरूप नियम लागू करने के लिए निर्देश दिए जाएं. समुदाय से जुड़े कई नेताओं ने उम्मीद जताई है कि न्यायालय की अगली सुनवाई में मामले पर कोई ठोस दिशा मिल सकती है, जिससे लंबे समय से लंबित पड़े मुद्दे के समाधान की राह खुल सके.
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बढ़ी प्रक्रिया
झारखंड हाईकोर्ट ने पहले ही सरकार को पेसा नियमावली जल्द लागू करने का निर्देश दिया था. नियमावली लागू न होने के कारण कई प्रशासनिक काम प्रभावित हो रहे हैं. खासकर बालू घाटों का संचालन फिलहाल रुका हुआ है. राज्य के 18 जिलों में बालू घाटों की नीलामी पूरी हो चुकी है, लेकिन नियमावली लागू न होने से निकासी पर रोक बनी हुई है.
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