टीएनपी डेस्क(TNP DESK): वीसीके की ओर से मुख्यालय अंबेडकर थिडल में प्रतिबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन के तमिल संस्करण की स्क्रीनिंग की गयी. इस स्क्रीनिंग समारोह में प्रधानमंत्री मोदी और उनकी नीतियों पर तीखा हमला करते हुए वीसीके के संस्थापक- थोल थिरुमावलवन ने कहा कि पीएम मोदी की वैचारिकी देश के मजदूरों और गरीबों का कल्याण करने की नहीं है, उनके द्वारा कभी भी गरीबों औ मजदूरों की लड़ाई नहीं लड़ी गयी है, उनके अधिकारों की बात नहीं की गई,वह तो नफरत और हिंसा के सहारे यहां तक पहुंचें है, उनका पूरा राजनीतिक सफर हिंसा और नफरत से भरा है. उनके पास सिर्फ हिंसा और नफरत फैलानी की ही ताकत है.
हम हमेशा से नफरत की इस राजनीति के खिलाफ रहे हैं
थोल थिरुमावलवन ने कहा कि वीसीके और द्रविड़ कजगण जैसे संगठन के द्वारा शुरु से ही भाजपा की इस नफरत भरी राजनीति का विरोध किया जाता रहा है, हम हमेशा से इस विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ खड़े रहे हैं. आज देश का सबसे बड़ा सवाल यह है यदि 2024 में नरेन्द्र मोदी की वापसी हो गयी तो इस देश का क्या होगा? यह हम सबों के सामने एक यक्ष प्रश्न बनकर खड़ा है. कुछ लोग हमारी आलोचना करते हैं, हम यह कभी नहीं कहते कि हमारी आलोचना नहीं होनी चाहिए, या वीसीके और डीके किसी आलोचना से परे हैं, लेकिन सवाल यह है कि हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है? हम देश को इस नफरतभरी राजनीति से बाहर कैसे निकालेंगे? और उसमें हमारी क्या भूमिका होगी, उसकी रणनीति और हथियार क्या होगा? इस दौरान वीसीके नेता और विल्लुपुरम निर्वाचन क्षेत्र से सांसद डी. रविकुमार, तमिल फिल्म निर्देशक वेट्टीमारन, और द्रविड़ कजगम नेता काली पूनकुंद्रन भी उपस्थित रहें
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
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