रांची(RANCHI): विश्व भर में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यह एक चिंता की बात है. भारत भी इस संक्रामक रोग से पीड़ित है. अब जानिए पूरा तथ्य. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अध्ययन से पता चलता है कि 2021 में पूरे वर्ल्ड में खुदकुशी करने वालों की संख्या काफी बढ़ी. यह संख्या 800000 से अधिक है भारत में भी आत्महत्या के आंकड़े चिंता देने वाले हैं.
क्या कहते हैं आंकड़े
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2021 में भारत में 1लाख 64 हजार से अधिक लोगों ने विभिन्न कारणों से आत्महत्या की है. दुनिया के आंकड़ों की तुलना में भारत में लगभग 20% है. ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार 1 घंटे में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है. प्रतिदिन औसतन 450 लोग अपनी जान दे देते हैं. 164000 भारतीयों में से पुरुष की संख्या 1 लाख 45000, महिलाओं की संख्या 26 हज़ार है. बताया जाता है कि 2021 में 28 ट्रांसजेंडर ने आत्महत्या की. आत्महत्या के मामलों में अधिकांश मामलों में पुरुष के साथ बेरोजगारी,आर्थिक विपन्नता, लव अफेयर जैसे मामले सामने आए हैं. वहीं महिलाओं के बारे में पारिवारिक कलह, आर्थिक विपन्नता और कुछ हद तक लव अफेयर भी कारण बताए गए हैं. मनो चिकित्सकों का कहना है कि आत्महत्या की प्रवृत्ति पर नियंत्रण के लिए परिवार और समाज को पहल करने की जरूरत है. डिप्रेशन की स्थिति में अगर कोई व्यक्ति है तो उसकी काउंसिलिंग जरूर कराई जानी चाहिए.
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