रांची(RANCHI)- 60:40 की स्थानीय नीति के विरोध में झारखंड यूथ एसोसिएशन की ओर से बुलायी गयी झारखंड बंद का असर राजधानी रांची की सड़कों पर देखने को मिल रहा है, आम दिनों की तुलना में आज राजधानी रांची की सड़कों पर भीड़-भाड़ कम है.छात्रों के द्वारा बंद का आह्वाहन को देखते हुए प्रशासन की ओर से भी पूरी तैयारी की गयी है, रैपिड एक्सन फोर्स की दो कंपनियां, रैपिड एक्शन पुलिस के साथ ही महिला पुलिस बल को भी उतारा गया है. छात्रों की बंदी को देखते हुए कई निजी विद्यालयों ने स्कूल बंद रखने की घोषणा की है, जिसके कारण भी सड़कों पर आवाजाही कम है. इस बीच प्रशासन ने भी छात्रों से बंद को सांकेतिक बनाने का आग्रह किया है.
टाइगर जगरनाथ का सपना हमारा सपना
यहां बता दें कि झारखंड यूथ एसोसिएशन शफी इमाम ने दावा किया है कि यह बंदी टाइगर जगरनाथ के सपनों का झारखंड बनाने की दिशा में एक प्रयास है, हमारा टाइगर जगरनाथ महतो का सपना को ही हम पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं. जगरनाथ महतो कभी भी 60:40 की स्थानीय नीति की स्थानीय नीति के समर्थक नहीं थें, उनकी मांग को 1931 के खतियान के आधार पर स्थानीय और नियोजन नीति का निर्माण की थी.आज जब जगरनाथ महतो हमारे बीच नहीं है, यह हमारा दायित्व है कि हम उनके सपनों का झारखंड का निर्माण करें, उस सपने को पूरा करने में अपना योगदान दें.
बंद के समर्थन में कई छात्र संगठन
ध्यान रहे कि इस बंद को झारखंड यूथ एसोसिएशन के साथ-साथ झारखंड उलगुलान मार्च, पंचपरगना फाइटर, आदिवासी छात्र संघ, आमया और आदिवासी-मूलवासी संगठनों का भी समर्थन प्राप्त है.
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