SC/ST एक्ट में किसी ने कर दिया है फर्जी केस, तो जान लें क्या करे


टीएनपी डेस्क(TNP DESK):बहुत से लोग किसी को फंसाने के लिए फर्जी केस कर देते है लेकिन अगर एससी एसटी एक्ट का केस हो तो परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि इसके लिए हमारे देश में कानून बहुत ही मजबूत बनाया गया है.एक बार अगर आपको इस केस में कोई फंसा दे तो फिर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है.ऐसे में सवाल उठता है कि अगर आपके ऊपर कोई एससी एसटी का फर्जी केस कर दे तो आपको क्या करना चाहिए.
आपको घबराना नहीं है
जब भी कोई आपके ऊपर फर्जी केस करे तो आपको घबराना नहीं है. हमेशा संयम से काम लेना है क्योंकि कानून सभी के लिए बराबर है.हमारे देश का कानून आपको भी सुरक्षा देता है जब तक आप पर कोई आरोप साबित न हो जाए.कोई आपका बिगाड़ नहीं सकता है. आपको समझदारी से काम लेना है और कहां पर कौन सा कदम उठाना है आपको जानना चाहिए.तभी आप एससी एसटी के फर्जी केस से बच सकते है.
अच्छे वकील के साथ संपर्क करें
यदि आपको कोई एससी एसटी केस में फ़साने की कोशिश करता है तो आपका सबसे पहला कदम यह होना चाहिए कि आप एक अच्छे वकील के साथ संपर्क करें. जरूरत पड़े तो आप तुरंत हाई कोर्ट या सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते है. यह कदम कई मामलों में गिरफ्तारी टाल देता है.जरूरत पड़े तो आप तुरंत हाई कोर्ट या सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते है. यह कदम कई मामलों में गिरफ्तारी टाल देता है.
सबूत को बचाए रखिए
वही अगर आपके पास फर्जी केस से जुड़ा कोई सबूत जैसे कोई मैसेज, कॉल रिकॉर्ड, वीडियो, लोकेशन डिटेल या गवाह है जो साबित कर सकते है कि आप पर लगाया गया आरोप झूठा है. तो इन्हें तुरंत अपने पास सेफ रख लें. यह सबूत फर्जी केस से बाहर निकलने में आपकी मदद कर सकता है.जांच के समय अगर पुलिस आपसे कुछ पूछती है तो कोशिश करें कि बार-बार अपनी बात न बदले और जो सच है वही बताएं.
पुलिस को घुमाने की कोशिश ना करें
जब भी पुलिस आपसे किसी भी चीज की जानकारी मांगे तो आप सही-सही जानकारी दें. पुलिस को घुमाने की कोशिश ना करें.आप जितना उल्टा सीधा जवाब देंगे, कई बार फर्जी मामलों में कोर्ट में क्रॉस-एग्जामिनेशन के दौरान ही सच सामने आ जाता है और केस कमजोर पड़ने लगता है.ऐसे में आप अपनी ही परेशानियों को बढ़ाएंगे.इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि हमेशा आप सच और तथ्य वाले बात ही बताएं.
मानहानी का करें दावा
कानून की ओर से आपको फर्जी केस के खिलाफ मानहानी का मुक़दमा दर्ज कराने का अधिकार मिलता है.यदि आप मानहानी का केस करते है तो बहुत से लोग आपके ऊपर झूठे आरोप में फांसने से पहले सौ बार सोचेंगे.भले एससी/एसटी एक्ट सख्त है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि फर्जी केस में फंसकर आप कुछ कर ही नहीं सकते. सही समय पर सही कदम उठाए जाएं तो आपके खिलाफ दर्ज केस खारिज हो जाएगा.
4+