टॉप नक्सली हिडमा का ENCOUNTER क्या फर्जी था? क्यों उठने लगे सवाल


TNPDESK: देश का सबसे खतरनाक नक्सली माड़वी हिडमा का खात्मा हुआ. इस खात्मे की चर्चा पूरे देश में है. लेकिन अब हिडमा और पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ पर सवाल खड़ा होने लगा. पहले नक्सलियों ने इस ENCOUNTER को फेक बता दिया तो दूसरी ओर बस्तर राज्य पार्टी के मनीष कुंजाम ने नक्सलियों के बड़े नेता को ही घेर दिया. ऐसे में अब चर्चा शुरू हो गई. हर तरफ एक ही सवाल है कि हिडमा कैसे मारा गया.
सबसे पहले देखे तो 18 नवंबर को एक खबर निकल कर सामने आई की हिडमा के दस्ते के साथ सुरक्षा बल के जवानों की मुठभेड़ हुई. करीब 40 मिनट तक चले एनकाउंटर में हिडमा,राजे और उसके 6 साथी ढेर हो गए. यह खबर पूरे देश में आग की तरह फैली और हर तरफ चर्चा शुरू हुई की आखिर हिडमा इतनी आसानी से कैसे मारा गया. आखिर हिडमा के दस्ते के सभी साथी कहा चले गए. लेकिन पुलिस ने दावा किया कि हिडमा गुप चुप तरीके से राज्य को छोड़ कर आंध्र प्रदेश की ओर निकल रहा था इसी बीच वह मारा गया.
लेकिन इस मुठभेड़ के बाद माओवादियों की केन्द्रीय कमिटी ने सवाल उठाया. प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि हिडमा आंध्र प्रदेश में इलाज करा रहा था. यहाँ उसकी मौजूदगी की खबर किसी ने लीक की और जवानों को सूचना दी गई. जवानों ने उसे अस्पताल से निकलने के बाद 15 नवंबर को ही गिरफ्तार कर लिया और आत्म समर्पण के लिए दबाव बनाया गया. जब हिडमा नहीं झुका तब हिडमा को जंगल में ले जाकर मार दिया गया और पुलिस ने झूठी कहानी लिख कर इसे मुठभेड़ दिखा दिया. आगे पत्र में केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाया है.
इसके बाद सुकमा में बस्तर राज्य पार्टी के मनीष कुंजाम ने प्रेस वार्ता कर इस मुठभेड़ के पीछे नक्सलियों के नेता देवजी का हाथ बता दिया.मनीष ने कहा कि मुठभेड़ में देवजी ने ही हिडमा को बुला कर पुलिस से मरवा दिया है. हिडमा ऐसे मरने वाला नहीं था. एक साजिश का शिकार हो गया. और गरीबों का मसीहा मारा गया. इसमें गंभीर सवाल देवजी से लेकर पुलिस पर उठाया गया है.
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