पटना(PATNA)-राहुल गांधी की सदस्यता वापसी को भाजपा के दुष्प्रचार तंत्र के लिए बड़ा झटका बताते हुए उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लिखा है कि यदि भाजपा को यह झटका नहीं लगता तो अभी विपक्ष के कई नेताओं को साजिशों के तहत सदन से बाहर का रास्ता दिखलाने का दौर जारी रहता. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से भाजपा दुष्प्रचारी एवं कॉम्प्रोमाइज्ड तंत्र को करारा झटका दिया है.
ध्यान रहे कि आज सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में अपने फैसले से राहुल गांधी के लिए संसद का दरवाजा खोल दिया, कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में सुनवाई पूरी होने तक निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी है, और इसके साथ ही निचली अदालत के फैसले पर सवाल भी खड़ा कर दिया, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को अपने फैसले में दो वर्षों की अधिकतम सजा सुनाने का कारण भी बताना चाहिए था. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बयान देने के पहले सतर्कता बरतने की सलाह भी दी है. कोर्ट ने कहा कि राजनेताओं को कोई भी बयान देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए, अपने फैसले से सुप्रीम कोर्ट निचली अदालतों को एक संदेश देने की कोशिश भी करता नजर आ रहा है, कोर्ट ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि के खिलाफ जब भी कोई निर्णय सुनाया जाता है, तो सिर्फ एक व्यक्ति प्रभावित नहीं होता, बल्कि एक बड़ा जनसमुदाय भी उस फैसले की चपेट में आता है. फैसला देते वक्त इस बात ध्यान रखना चाहिए.
यहां यह याद रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के विरुध चल रहे मामले पर रोक नहीं लगायी है, राहुल गांधी को उसका सामना संबंधित कोर्ट में करना पड़ेगा, लेकिन निचली अदालत के द्वारा दिये गये उनके सजा पर रोक लगायी गयी है. जब तक इस मामले में अंतिम फैसला नहीं आ जाता, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला प्रभावी रहेगा.
अब बहुत जल्द संसद में नजर आयेंगे राहुल गांधी
इस फैसले के बाद साफ है कि राहुल गांधी जल्द ही संसद में नजर आयेंगे, यह खबर फैलते ही कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है, उनके बीच मिठाईयां बांटी जा रही है. माना जा रहा है कि इस फैसले का असर इंडिया गठबंधन पर भी पड़ेगा, अब राहुल गांधी और भी मुखरता के साथ विपक्षी दलों को एकजूट करने की अपनी मुहिम में जुट जायेंगें
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