टीएनपी डेस्क (TNP DESK): अयोध्या में राम मंदिर समारोह की तैयारी पूरे जोरों पर चल रही है. 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होगा और उसी दिन रामलला गर्भगृह में विराजमान होंगे. यह वही पल होगा, जिसका करोड़ों रामभक्तों ने काफी सालों से इंतजारकर रहे हैं. ठीक ऐसा ही इंतजार झारखंड की एक महिला कर रही है.
30 सालों से सरस्वति देवी ने लिया प्रण
बता दें कि त्रेतायुग युग में जिस प्रकार माता शबरी वन में भगवान श्री राम का इंतजार कर रही थी. और उनके इंतजार में फूल बिछा कर रखा करती थी. साथ ही आते जाते लोगों को मना कर रही थी कि इस फूल पर भगवान चलेंगे. शबरी श्री राम के लिए बेर तोड़ कर भी लाया करती थी. यह निश्चित करने के लिए बेर मीठे हैं या खट्टे, शबरी ने बेर को चख -चख कर उनको झूठे कर दिए. शबरी के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्री राम शबरी की कुटिया पहुंचे. शबरी ने पहली नजर में भगवान् को पहचान लिया. शबरी ने भगवान् का खूब आदर सत्कार किया, और उनको झूठे बेर खिलाये. इस प्रकार शबरी के वर्षो का इंतज़ार खत्म हुआ था, ठीक उसी प्रकार झारखंड के धनबाद जिले के करमाटांड़ की रहने वाली सरस्वती देवी पिछले 30 सालो से प्रण के सहारे श्री राम का इंतजार कर रही है. भगवान श्री राम की अनोखी भक्त सरस्वती देवी 85 साल की हो गई है. सरस्वती देवी ने अयोध्या का विवादित ढांचा गिरने के बाद एक प्रण लिया था कि जब तक दोबारा राम लला मंदिर में विराजमान नहीं होते वह मौन रहेंगी. जिसके बाद वे पिछले 30 सालों से मौन व्रत धारण किए हुए हैं.
इस शब्द से अपना मौन व्रत तोड़ेंगी सरस्वती देवी
लेकिन पिछले 30 सालों की तपस्या के आखिर कार सरस्वती देवी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के दिन अपना प्रण तोड़ेगी. मीडिया से इशारों में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह पहला शब्द राम... सीताराम कह कर अपना मौन व्रत तोड़ेगी. सरस्वती देवी इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रही है.
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