पटना(PATNA): सवर्ण आरक्षण को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसे लेकर सुशील मोदी ने राजद पर हमला बोला और कहा कि किस मुंह से राजद सवर्णों के बीच जाएगी. संसद में राजद ने सवर्ण आरक्षण का विरोध किया था. इसे लेकर बिहार सरकार के मंत्री आलोक मेहता ने सुशील मोदी का पलटवार किया और कहा कि संसद में राजद ने विरोध किया था, यह उनको याद है लेकिन शुरुआत में जो मांग की थी, वह उन्हें याद नहीं है. राजद ने मांग की थी और उसमें यह भी बताया गया था कि जो आर्थिक रूप से कमजोर है, उन्हें न्याय मिलना चाहिए. 8 लाख जो सीमा रखी गई है, वह काफी ज्यादा है. राजद ने अमेंडमेंट की बात की है. राजद ने कभी किसी आरक्षण का विरोध नहीं किया. वह आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के आरक्षण का जो मामला था, उसमें राष्ट्रीय जनता दल ने हमेशा यह वकालत की है कि आर्थिक रूप से गरीब लोगों को न्याय मिलना चाहिए, लेकिन उसके साथ राजद ने कहा कि जो सच में गरीब हैं, उसे न्याय मिलना चाहिए.
“आय सीमा को लेकर राजद का था विरोध”
राजद नेता ने आगे कहा कि आपने 8 लाख की सीमा रखी, तो उसमें जो सच में गरीब है वह छूट जाएंगे. जिनके लिए होना चाहिए वह करने की जरूरत है. हमारा कहीं भी विरोध बदलाव को लेकर था. मूल रूप को लेकर नहीं. भीमराव अंबेडकर ने जिस सिद्धांत के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया था हम लोग इस सिद्धांत को मानने वाले लोग हैं. मंत्री आलोक ने पूछा कि दलित और पिछड़ों के आरक्षण को लेकर जब वह इतना विरोध कर रहे थे तो इस आरक्षण से उन्हें प्यार क्यों है, मैं पूछना चाहता हूं. वह जवाब दे.
“कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं”
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हम लोग हमेशा सम्मान करते हैं, हम लोग हमेशा न्यायालय का सम्मान करते हैं और उनके अगर किसी निर्णय से अगर असहमति होती है तभी ऊपर के कोर्ट में लोग जाते हैं. हमें असहमति थी इस वजह से ऊपर के कोर्ट में अपील किया गया था, इसलिए जब सुशील कुमार मोदी विश्लेषण करते हैं तो एकतरफा विश्लेषण करते हैं. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब पिछड़ा और दलित आरक्षण के मुद्दे पर जो लोग उन्हीं के साथ अधिकांश लोग हैं जिन लोगों ने विरोध किया. वह आज महिला आरक्षण और ईडब्ल्यूएस का क्यों समर्थन कर रहे हैं. इसका जवाब सार्वजनिक रूप से तो जनता को ज्यादा क्लियर होगा.
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