टीएनपी डेस्क(TNP DESK): पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की सरकार चल रही है. लगातार बीजेपी और तृणमूल के बीच बयानबाजी चलती रही है. अब तृणमूल ने बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है.
तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र 'जागू बांग्ला' ने अपने संपादकीय में दावा किया कि सिलीगुड़ी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक शंकर घोष ने वरिष्ठ वाम नेता अशोक भट्टाचार्य से मुलाकात की, जो शहर के पूर्व मेयर रह चुके हैं और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार को अस्थिर करने के लिए समर्थन मांगा है. सोमवार को घोष ने दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिस्ता के साथ सिलीगुड़ी में भट्टाचार्य के आवास का दौरा किया था मगर, तृणमूल के इस आरोप के बाद भाजपा और वाम दोनों ने इन दावों का खंडन किया है.
बीजेपी और वाम ने दावों का किया खंडन
दावों का जवाब देते हुए, घोष ने कहा कि वह और दार्जिलिंग के सांसद भट्टाचार्य के स्वास्थ्य की जानकारी लेने गए थे. शंकर घोष ने कहा कि बिस्ता वामपंथी नेता से नहीं मिल पा रहे थे, इसलिए मैं भट्टाचार्जी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए उनके साथ गया था. यह कहना गलत है कि यह एक राजनीतिक बैठक थी. यहां तक कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के दिग्गज नेता ने भी कहा कि टीएमसी के मुखपत्र द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि यह निराधार है. अगर निर्वाचित सांसद मुझे दिवाली की बधाई देने के लिए मेरे आवास पर आते हैं, तो क्या मुझे उन्हें जाने के लिए कहना चाहिए? वह पत्रकारों के एक समूह के साथ आए थे. मेरी पत्नी की पुण्यतिथि भी थी, जहां सभी को आमंत्रित किया गया था. बीजेपी और टीएमसी के बीच शीत युद्ध पर भी कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.
“हम जानते हैं कि क्या हो रहा था”
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने कहा कि उनके सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेता और वामपंथी नेता पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से को अस्थिर करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हमें पता चला है कि भाजपा पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से को अस्थिर करना चाहती है और इसे बिहार के कुछ हिस्सों के साथ केंद्र शासित प्रदेश बनाने की योजना बना रही है. हमने पहले कहा है कि वामपंथी, भाजपा और कांग्रेस ममता बनर्जी की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. घोष ने कहा, यह खुले में है. वे निश्चित रूप से कहेंगे कि यह शिष्टाचार भेंट थी लेकिन हम जानते हैं कि क्या हो रहा था.
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