हाजीपुर(HAJIPUR): बिहार के सीएम नीतीश कुमार राज्य में विकास के कई दावे करते है, जिसमें वो कहते है कि बिजली, पानी, सड़क अस्पताल और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सरकार ने काफी काम किया है, लेकिन यदि आप जमीनी हकीकत देखेंगे, तो कहानी बिल्कुल इसके उल्टा है. वहीं यदि बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करें तो ये किसी से छिपी हुई नहीं है. आये दिन बिहार के अलग-अलग जिलों से अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था की तस्वीरें सामने आती रहती है, जिसमे कभी अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं होते है, तो कभी समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने पर लोगों की जान चली जाती है, तो वहीं ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर मरीज के पेट में तौलिया छोड़ देते है, तो कभी गलत इंजेक्शन लगाकर मरीज की जान ले लेते है. एक ताजा मामला हाजीपुर से सामने आया है, जहां के अस्पताल में मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज हो रहा है.
पढ़ें कैसे प्रसव पीड़ा से छटपटाती महिला का मोबाइल टॉर्च की रोशनी में करायी गयी डिलीवरी
ये पूरा मामला हाजीपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां लाइट नहीं रहने की वजह से देसी जगाड़ मोबाइल की लाइट और टॉर्च जलाकर मरीजों का इलाज हो रहा है.हद तो तब हो गई जब इसी मोबाइल की रोशनी के सहारे एक महिला की डिलीवरी भी करा दी गई. जिसकी तस्वीर भी सामने आयी है.
बिजली नहीं रहने से दर्द से कराहती रही महिला
दरअसल यह लापरवाही की तस्वीर सामने आई है हाजीपुर शादी प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जहां बीते रात करीब 1:30 बजे दर्द से छटपटाती महिला पार्वती देवी बच्चों को जन्म देने के लिए अपने परिवार के साथ अस्पताल पहुंची तो अस्पताल पूरा अंधेरे में था, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मचारी तैनात थे, महिला कि हालात को देख डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने देसी जुगाड़ लगाया और मोबाइल लाइट और टॉर्च के रोशनी पर ही महिला का इलाज और डिलीवरी करना शुरू कर दिया, और पूरी डिलीवरी अंधेरे में ही कराई गई है. फिर इसी अस्पताल में एक और मरीज सुबह के 3:50 पर पहुंची, जो सदई के ही रहने वाली थी, जिसका नाम रागिनी कुमारी है, जिसका अस्पताल के डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मोबाइल टॉर्च के रोशनी में ही डिलीवरी करवाया है.
मोबाइल टॉर्च जलाकर महिला का प्रसव कराया है
आपको बताये कि चमचमाती हुई नई अस्पताल के भवन में बिजली पानी की समस्या यह पहली बार नहीं हुई है, स्वास्थ्य कर्मचारी आशा कुमारी ने अस्पताल की लापरवाही की पोल खोली है और मीडिया के सामने बताई है कि कई बार बिजली गुल होने की समस्या सामने आया है और हम लोग पेशेंट के प्रेजेंट से डांट फटकार सुनते आ रहे हैं, आज भी वैसा ही हुआ है लेकिन किसी तरह हम लोग मोबाइल टॉर्च जलाकर महिला का प्रसव कराया है, हम लोगों ने कई बार बढ़िया स्वास्थ्य अधिकारी को इस मामले में सूचना दे दिए हैं लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है. नाइट ड्यूटी में तैनात, डॉ अनिल कुमार ने भी बताया कि लाइट नहीं है लेकिन अस्पताल में मरीज है किसी तरह इलाज किया जा रहा है समस्या हो रही है. इसकी सूचना बड़ी अधिकारी को दिया गया है. वहीं अपने मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे परिजनों ने बताया कि रात अंधेरे में किसी तरह मोबाइल टॉर्च की रोशनी से काम किया गया है. अस्पताल में ना तो बिजली है और ना ही पानी है, पानी के भी समस्या हो रही है और शौचालय जाने के लिए लोगों को बोतल की पानी का इस्तेमाल करना पड़ता है और बाहर जाना पड़ता है
20 दिन पहले ही अस्पताल का हुआ था उद्घाटन
वहीं आपको बताये कि PHC अस्पताल जो पहले 6 बेड का था उसे अब विकसित कर 30 बेड का CHC बनाया गया है और नई भवन में शिफ्ट किया गया है जो पिछले, 20 दिन पहले ही इसकी उद्घाटन किया गया था. बिहार के माननीय मुख्यमंत्री और जेपी नड्डा के द्वारा 6 सितंबर 2024 को 7 करोड़ 50 लख रुपए की लागत से बनी थी, लेकिन तस्वीर जो सामने आई है. हालांकि लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और स्वास्थ्य कर्मचारी और मैनेजमेंट देखने वाले अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई करने की बात सामने आ रही है.
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