Patna- जिस दरभंगा एम्स को लेकर पीएम मोदी ने आज से करीबन एक माह पहले यह दावा कर सनसनी फैला दिया था कि दरभंगा एम्स का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. अब उसी दरभंगा एम्स को लेकर एक बार फिर से राजनीति की शुरुआत हो चुकी है और विपक्षी दलों के द्वारा एक बार फिर से पीएम मोदी पर निशाना साधा जाने लगा है.
दरअसल दिल्ली में मेट्रो की सवारी के दौरान दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड के एक रिटायर्ड शिक्षक प्रधानमंत्री मोदी से एम्स का निर्माण जल्द से जल्द करवाने का आग्रह कर दिया. शिक्षक राम बहादुर शाह का कहना है कि पीएम उनके करीब बैठे थें, देश के प्रधानमंत्री को अपने पास बैठा देख अपनी उत्सुकता नहीं रोक पाया, उनकी ओर एक टक देखता जा रहा था, इसी बीच पीएम ने हाल-चाल पूछा, जिसके बाद मेरा हौसला बढ़ा, दिल्ली आने का मकसद बताने बाद पीएम से जल्द से जल्द दरभंगा एम्स का निर्माण करवाने का आग्रह कर दिया, जिसके जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके स्तर से इसकी स्वीकृति दी जा चुकी है, लेकिन, मामला बिहार सरकार की ओर से फंसा दिया गया है. इस जवाब के साथ ही पीएम मोदी मुस्कराने लगे.
करीबन एक माह पहले अपने बयान से पीएम मोदी ने सबों को चौंका दिया था
ध्यान रहे कि आज से करीबन एक माह पहले पीएम मोदी ने यह दावा कर सबों को चौंका दिया था कि दरभंगा एम्स का निर्माण पूरा हो चुका है. पीएम के इस दावे के बाद बिहार में विवाद खड़ा हो गया था. तब तेजस्वी यादव ने कहा था कि बिहार सरकार ने इसके निर्माण के लिए 151 एकड़ जमीन निशुल्क उपलब्ध करवाया है, इसके साथ ही 250 करोड़ रुपये मिट्टी भरवाने के लिए भी दिया है. बावजूद इसके अब तक केन्द्र के द्वारा निर्माण की स्वीकृति नहीं दी गयी. प्रधानमंत्री को कम से कम देश के सामने झूठ नहीं बोलना चाहिए.
अब इसके ठीक एक महीने बाद अपने पूर्व के बयान से पलटी मारते हुए पीएम मोदी ने दरभंगा एम्स का निर्माण नहीं होने का पूरा ठीकरा राज्य सरकार के माथे पर फोड़ने की कोशिश की है, लेकिन अहम सवाल यह है कि जब खुद पीएम मोदी के ही शब्दों में दरभंगा में एम्स का निर्माण कर दिया गया है, तो राज्य सरकार उसमें बाधा कहां से और कैसे बन गयी
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