टीएनपी डेस्क(TNP DESK):-अगर जिद और जोश हो तो मुकद्दर हम खुद संवार लेंगे,राह पर आये कांटे उनका कुछ बिगाड़ नहीं सकते. ऐसा ही कुछ झारखंड के लोहरदगा और गुमला जिले के दो गांव हैं. जिनकी आत्मनिर्भर बनने की कहानी औऱ खुद को सबल बनाने का जज्बा दुनिया के लिए नजीर बन गया है. खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके मुरीद है. 27 अगस्त के मन की बात में पीएम उनकी कामयाबी और आत्मनिर्भरता की कहानी देश को सुनायेंगे.
पीएम करेंगे संवाद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोहरदगा जिले के सुदूरवर्ती जंगली और पहाड़ी क्षेत्र कुडू प्रखंड के मसियातू और गुमला के मुरकुंडा पंचायत के एग्री स्मार्ट विलेज कोंटेगसेरा के गांववालों से संवाद करेंगे. लोहरदगा का मसियातू बांस के कारीगरों के लिए काफी मशहूर है, तो गुमला का कोंटेगसेरा जैविक खेती के लिए जाना जाता है.पीएम मोदी इन गांवों के लोगों की आत्मनिर्भरता की कहानी पूरे देश क बतायेंगे. सांसद सुदर्शन भगत ने इसे खुशी का लम्हा बताया है और ग्रामीणों को बधाई दी है.
जंगलों से घिरा मसियातु गांव
लोहरदगा जिला मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर दूर मसियातु गांव घनघोर जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है. इस गांव ने हाथियों के आतंक और नकस्लियों का खौफ भी देखा है. लेकिन, यहां के लोगों ने इन दर्दों को सहते हुए भी खुद ही अपने आप को आत्मनिर्भर बनने की ठानी. बांस से बने सुंदर उत्पाद बनाकर ये बाजारों में बेचते हैं. इनके बनाए सामान और हुनर के कद्रदान काफी है. यहां के गांव वाले बांस से सूप, टोकरी, पेन स्टैंड,टूथब्रश स्टैंड, फोटो फ्रेम, सोफा , टेबल आदि का निर्माण करते हैं. हरेक परिवार का सदस्य घर बैठे हर रोज 300 रुपए कमा लेते है. घर के दो तीन सदस्य मिलकर हजार रुपए की आमदनी कर लेते हैं. बहरहाल गांव के लगभग 60 परिवारों के सदस्य पीढ़ी दर पीढ़ी इसी काम को करती है. मसियातु गांव की रोजी-रोटी बांस से बने सामानों के जरिए ही चलती है. ग्रामीण बांस के लिए लोहरदगा के जंगल के अलावा दूसरे जिलों से बांस खरीद कर लाते हैं.
पीएम मोदी का मन की बात कार्यक्रम में इस गांव का जिक्र करने के बाद, लाजमी है कि यहां के लोगों के आत्मनिर्भर बनने की कहानी औऱ जी तोड़ मेहनत से लोग प्रभावित होंगे.
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