टीएनपी डेस्क(TNP DESK): पेट्रोलियम उत्पादक देश के संगठन ओपेक एक बड़ा फैसला लिया है जिसका पूरी दुनिया में असर होने वाला है.ओपेक संगठन ने तय किया है कि मई महीने से 5 लाख बैरल कच्चे तेल प्रतिदिन उत्पादन में कमी लाई जाएगी. इससे पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य में वृद्धि होना स्वाभाविक है.
ताजा जानकारी के अनुसार सऊदी अरब और ओपेक प्लस देशों ने अगले महीने से कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती का निर्णय लिया है. आरंभ में 1.6 मिलियन बैरल की कटौती से इसकी शुरुआत होगी. इसकी मात्रा बढ़ती ही जाएगी और मई के अंत तक 5 लाख बैरल प्रतिदिन उत्पादन में कटौती की जाएगी.
भारत को भी झेलनी पड़ेगी मंहगाई की मार
देश दुनिया में जिस प्रकार से महंगाई बढ़ रही है इस बीच कच्चे तेलों के निर्यातक देशों के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका मूल्य बढ़ने की पूरी आशंका है. भारत के लोगों को भी पेट्रोलियम पदार्थों की खरीदारी पर अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे यानी उन्हें महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी.
अगले महीने से पेट्रोल और डीजल पर खर्च हो सकते हैं अधिक पैसे
भारत सरकार ने घरेलू बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने के लिए इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है सरकार ने रिफाइनरी कंपनियों को कहा है कि वे अपने सालाना पेट्रोल निर्यात का 50% और डीजल निर्यात का 30% हिस्सा घरेलू बाजार में उपलब्ध कराएं. इसका प्रभाव उन गैर सरकारी कंपनियों पर हो सकता है जो सस्ता कच्चा तेल खरीद कर उन्हें रिफाइंड कर महंगा पेट्रोल-डीजल दूसरे देशों को बेच रही हैं. स्पष्ट है कि भारतीयों को अगले महीने से पेट्रोल और डीजल के लिए अभी की तुलना में अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं.
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