टीएनपी डेस्क: क्या आपको हाल में आपके किसी मरे हुए करीबी का मैसेज आया है? अगर न तो मुबारक हो आप सुरक्षित है. भूत-प्रेत से नहीं बल्कि 'भुतहा हैकर्स' (Ghost Hackers) से. लेकिन अगर आपको मैसेज आ चुका है तो ऐसे में 2 ही चीज हो सकती है. या तो आपकी बैंक अकाउंट की नैया डूब चुकी है या फिर बहुत जल्द डूबने वाली है. क्योंकि, आपके मरे हुए करीबी के एक मैसेज से आप 'भुतहा हैकर्स' (Ghost Hackers) की जाल की तरफ एक कदम बढ़ चुके हैं. ऐसे में आप सोच रहे होंगे की आखिर ये 'भुतहा हैकर्स' (Ghost Hackers) क्या है और कौन है? घबराइए मत हम आपको इस 'भुतहा हैकर्स' (Ghost Hackers) के बारे में सब बताएंगे और साथ ही इससे बचने के उपाय भी.
क्या है 'भुतहा हैकर्स' (Ghost Hackers)
'भुतहा हैकर्स' (Ghost Hackers) का नाम सुनकर आप सोच रहे होंगे की आखिर यह क्या बला है. लेकिन ज्यादा सोचने की या डरने की जरूरत नहीं है. क्योंकि, ये 'भुतहा हैकर्स' और कुछ नहीं बल्कि स्कैमर्स का लोगों को ठगने का नया तरीका है. जी हां, ये 'भुतहा हैकर्स' साइबर ठग है जो आपके मरे हुए कारीबियों का फायदा उठा रहे हैं. आपने अब तक फ्रॉड KYC अपडेट के नाम से लेकर फ्रॉड डिलीवरी और फ्रॉड बिल के नाम पर स्कैमर्स को लोगों को ठगते हुए तो बहुत देखा होगा. लेकिन लोगों को ठगने के ये सारे ट्रिक्स अब पुराने हो गए हैं. अब ये हैकर्स और स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए कुछ नया अपना रहे हैं. या यूं कहे की अब ये हैकर्स मरे हुए लोगों की पहचान लेकर आपको ठगने के लिए जाल बिछा रहे हैं. मरे हुए लोगों की पहचान चुराने के कारण इनका नाम ही 'भुतहा हैकर्स' रख दिया गया है.
कैसे काम करते हैं ये 'भुतहा हैकर्स'
ये 'भुतहा हैकर्स' चोरों की तरह आपके घर पर नहीं बल्कि आपके सोशल मीडिया अकाउंट पर सेंध लगाए बैठे हैं. अपने सोशल मीडिया अकाउंट जैसे की Instagram, Facebook और X(twitter) प्लेटफ़ॉर्म पर जहां आपने अपने किसी करीबी की मौत के बारे में अपडेट डाला वैसे ही ये हैकर्स आपको अपना निशाना बनाने के लिए एक्टिव हो जाते हैं. ऐसे में आपको आपके इस दुखद पोस्ट पर संतावना तो नहीं पर आपका बैंक अकाउंट ज़ीरो जरूर हो जाएगा. क्योंकि, आपके द्वारा डाले गए पोस्ट से जैसे ही इन्हें किसी की मौत का पता चलता है तो वैसे ही ये उसके सोशल मीडिया अकाउंट की छापेमारी करने लगते हैं. ताकि वे उस मृत व्यक्ति की अधिक से अधिक जानकारी निकाल सकें और आपको अपने निशाने पर ले सकें. इस काम के लिए ये अपना सबसे बड़ा हथकंडा सोशल इंजीनियरिंग को अपनाते हैं. मृत व्यक्ति की सारी डिटेल्स निकालने के बाद हैकर्स सोशल इंजीनियरिंग का सहारा ले लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं.
ऐसे देते हैं क्राइम को अंजाम
अगर कमजोर पासवर्ड हो तो ये आसानी से सोशल मीडिया अकाउंट को हैक कर लेते हैं और अकाउंट का एक्सेस मिलते ही क्राइम को अंजाम दे देते हैं. अन्य हैकर्स की तरह ही 'भुतहा हैकर्स' भी लोगों से पैसे ऐठना चाहते हैं. इसलिए अकाउंट हैक करते ही ये अकाउंट से किसी को भी मैसेज या कॉल कर उनसे पैसे ऐठने के लिए उसे अपने जाल में फंसा लेते हैं. वहीं, जब तक सामने वाले व्यक्ति को इस बात का पता चलता है तब तक बहुत देर हो जाती है. क्योंकि, जिस अकाउंट का यूज कर क्राइम को अंजाम दिया जाता है, वो तो मृत व्यक्ति का होता है. ऐसे में ये स्कैमर्स आसानी से बच कर निकल जाते हैं.
कैसे रह सकते हैं आप सुरक्षित
इस तरह के हैकर से बचने के लिए आपको चौकन्ना रहना जरूरी है. ऐसे में आपको ध्यान देना होगा की आपके किसी भी करीबी या जानने वाले का सोशल मीडिया अकाउंट इन हैकर्स के हाथ न लगे. इसके लिए आप उनका Instagram, Facebook और X(twitter) अकाउंट खुद मैनेज या उसे डिलीट कर सकते हैं. इसके लिए इन प्लेटफॉर्म्स ने पॉलिसी भी बनाई है. जिसके लिए आपको बस किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के सपोर्ट को ई-मेल भेजना होगा. इसके साथ ही आपको इन सभी प्लेटफॉर्म्स की सेटिंग में जाकर Memorialization वाले ऑप्शन पर जाना होगा. जहां आपको लीगेसी अकाउंट को सिलेक्ट करना होगा.
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