टीएनपी डेस्क(TNP DESK): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खरमास के बाद मंत्रिमंडल में विस्तार किये जाने की घोषणा की है. माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस को उसकी समुचित हिस्सेदारी दे दी जायेगी. कांग्रेस की कोशिश अपने संख्या बल के हिसाब से मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी पाने की है.
यहां बता दें कि फिलहाल कांग्रेस कोटे से नीतीश मंत्रिमंडल में दो मंत्री आफाक आलम और मुरारी गौतम है. कांग्रेस का दावा एक और मंत्रिपद को लेकर है.
कार्तिकेय सिंह की हो सकती है वापसी
वैसे तो पहले ही मंत्रिमंडल विस्तार में राजद कोटे से 16 मंत्रियों को शामिल किया गया था, लेकिन बाद में आरजेडी कोटे से मंत्री बने कार्तिकेय सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था. मंत्री पद की शपथ लेते ही भाजपा के द्वारा उन पर आरोपों की बौछार की गयी थी. जिसके बाद कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था.
इसके साथ ही अपने विवादित बयानों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेते रहे सुधाकर सिंह की भी मंत्रिमंडल से विदाई हो गयी थी. आरजेडी की कोशिश इन दोनों सीटों की भरपाई की होगी.
राजद में नये मंत्रियों को लेकर मंथन शुरु
सूत्रों का कहना है कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नये मंत्रियों को लेकर अपना मंथन शुरु कर चुके हैं. खबर यह भी है कि नये मंत्रिमंडल में कार्तिकेय सिंह की वापसी हो सकती है. मोकामा उपचुनाव में विजय दर्ज करने वाली और बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह का नाम भी चर्चा में है. लेकिन इस मसले पर फिलहाल कोई भी आधिकारिक रुप से बोलने को तैयार नहीं है.
उपेन्द्र कुशवाहा को फिर लग सकता है झटका
पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में भी उपेन्द्र कुशवाहा का नाम पक्का माना जा रहा था, लेकिन पटना के एक होटल में कुछ विधायकों ने बैठक कर उपेन्द्र कुशवाहा के नाम पर अपनी आपत्ति दर्ज की थी, माना जाता है कि उसके बाद से ही उपेन्द्र कुशवाहा का नाम मंत्रियों की सूची से बाहर कर दिया गया था.
उसके बाद गाहे-बगाहे उपेन्द्र कुशवाहा प्रकारांतर से अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हैं. लेकिन इस बार भी उपेन्द्र कुशवाहा को लेकर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है, सूत्रों की माने तो इस बार भी उन्हे निराशा हाथ लग सकती है.
क्या है उपेन्द्र कुशवाहा का दही-चुड़ा की राजनीतिक का संदेश
यहां बता दें कि उपेन्द्र कुशवाहा ने मकर संक्रांति के अवसर पर भाजपा सहित महागठबंधन के नेताओं को आमंत्रित किया है. दबी जुबान पटना के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा भी है कि उपेन्द्र कुशवाहा अपनी पुरानी राजनीतिक पार्टी RLSP को एक बार फिर से सक्रिय करने का मन बना रहे हैं. नीतीश कैबिनेट में उनकी मंशा उप मुख्यमंत्री बनने की है, इस बाबत उनके द्वारा कई बार संकेत भी दिया गया है. लेकिन फिलहाल उनकी मंशा पूरी होती नजर नहीं आ रही है, संकट तो मंत्रीपद को लेकर ही है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
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