रांची (TNP DESK) : कथित जमीन घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें कम होती दिख नहीं रही है. हर एक पेशी के दौरान ईडी एक नया खुलासा कर रही है. अब ईडी ने बड़ा खुलासा किया है जिसके बारे में कोई जानता भी नहीं था. इससे पहले आर्किटेक्ट विनोद सिंह और हेमंत सोरेन के बीच हुए व्हाट्सएप चैट का खुलासा किया था.
हेमंत की रिमांड तीन दिन और बढ़ी
बड़गाई अंचल की 8.5 एकड़ जमीन मामले में गिरफ्तार हेमंत सोरेन की रिमांड अवधि तीन दिन और बढ़ा दी गई है. उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया. अदालत में ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल कुमार और हेमंत सोरेन की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखा. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने तीन दिन की रिमांड अवधि बढ़ाई.
बड़गाई जमीन पर बनाना चाहते थे आलीशान बैंक्वेट हॉल!
पेशी के दौरान ईडी ने अदालत में जो जानकारी दी, इससे अब सवाल उठता है कि क्या बड़गाई अंचल की 8.5 एकड़ जमीन पर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और आर्किटेक्ट विनोद सिंह आलीशान बैंक्वेट हॉल बनाना चाहते थे. ईडी के इस सवाल का जवाब हेमंत ने नहीं दिया. ईडी ने अदालत में कहा कि पूछताछ के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सहयोग नहीं कर रहे हैं. पीएमएलए कोर्ट में ईडी ने कहा कि बरियातू की जमीन पर बनाए गए बैंक्वेट हॉल के प्रस्तावित नक्श को आर्किटेक्ट विनोद सिंह ने छह अपैल 2021 को हेमंत सोरेन को व्हाट्सएप पर भेजा था. नक्शे को ग्रिड्स कंसल्टेंट ने 12 अप्रैल 2018 को ही बनाया था. ग्रिड्स कंसल्टेंट आर्किटेक्ट विनोद सिंह की फर्म है. जिसका कार्यालय रोस्पा टावर में है. नक्शे पर विनोद सिंह ने xx क्लाइंट का नाम लिखा था, ताकि इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं मिले सके, ये नक्श किसका है.
201 पेज में है व्हाट्सएप चैट का प्रिंट
जिस नक्शे को विनोद सिंह ने हेमंत सोरेन को भेजा था वो विनोद के दूसरे मोबाइल से भेजा गया था. इसकी जानकारी जांच दौरान मिली. दूसरे मोबाइल के व्हाट्सएप चैट का प्रिंट 201 पेज में है. उसके पहले मोबाइल फोन के व्हाट्सएप चैट का प्रिंट 539 पेज में है.
5545 स्क्वायर फीट में बनना था बैंक्वेट हॉल
ईडी ने अदालत में बताया कि जो बैंक्वेट हॉल का नक्शा विनोद ने बनाया था, उसके अनुसार प्लॉट पर 5545 स्क्वायर फीट में बैंक्वेट हॉल बनना था. उसमें 10 बड़े कमरे और 15 टॉयलेट बाथरूम शामिल था. 32 कार के लिए पार्किंग बननी थी. वहीं 10266 स्क्वायर फीट का लॉन बनाया जाना था. वहीं आधारभू संरचना के लिए जगर निर्धारित की गयी थी. इसमें पार्टी का नाम एक्स, एक्स और स्थान लालू खटाल लिखा हुआ था.
ईडी को कैसे मिली जानकारी
इसकी जानकारी ईडी को तब मिली जब बड़गाई अंचल के पूर्व राजस्व उप निरीक्षक भानू प्रताप, अमीन के साथ विनोद सिंह को बड़गाई की उक्त जमीन का सर्वे करने 10 फरवरी को गया था. वहां सर्वे के दौरान 8.46 एकड़ के प्लॉट को छोड़ कहीं बड़ा प्लॉट ईडी को नहीं मिला. सर्वे के दौरान अंचल कार्यालय जाकर कई दस्तावेज भी खंगाले गये. इस मामले में आगे की जांच के लिए ईडी ने हेमंत सोरेन से उस मोबाइल की मांग की, जिस पर विनोद से मैसेज भेजे थे. लेकिन उन्होंने मोबाइल नहीं दिया. ईडी के द्वारा कहा गया कि सबूत मिटाने की कोशिश की जा रही है, ताकि वह इस जमीन से अपने संबंधों को नकार सके.
ईडी की जांच में होंगे कई बड़े खुलासे
बता दें कि जिस तरीके से ईडी जांच कथित जमीन घोटाले मामले में आगे बढ़ रही है. ऐसे में लगता है कि ईडी और भी कई बड़े खुलासे आने वाले दिनों में कर सकती है. अब देखने वाली बात है कि इस कार्रवाई में कितने लोग फंसेंगे. आज सुबह ही रांची के कोकर में कारोबारी रमेश गोप के घर ईडी पहुंची है. जहां उसके ठिकानों पर छापेमारी चल रही है. बताया जाता है कि रमेश गोप विनोद सिंह के काफी करीबी हैं. ऐसा लगता है ईडी एक-एक कड़ी को धीरे-धीरे जोड़ रही है. अब देखना होगा कि इसके जद में कितने लोग आएंगे.
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