टीएनपी डेस्क(TNP DESK): असम में बाल विवाह से जुड़े मामलों में अब तक 2,666 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. यह कार्रवाई मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा राज्य में बाल विवाह से जुड़े मामलों दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश के बाद हुआ है.
मुख्यमंत्री ने आज ट्विटर पर आम जनता से बाल विवाह की परंपरा को समाप्त करने का आग्रह किया. 7 फरवरी तक, राज्य भर से कुल 2,528 लोगों को बाल विवाह में लिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अब तक ऐसे 4,074 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोगों में 78 महिलाएं भी शामिल हैं.
स्टेडियम को बनाया गया अस्थायी जेल
इस बीच, गोलपारा में मटिया ट्रांजिट कैंप और सिल्चर में एक स्टेडियम को अस्थायी जेल में तब्दील कर दिया गया है, जहां 18 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने या ऐसी शादियों को बढ़ावा देने और बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार लोगों को रखा जाएगा.
अक्टूबर 2017 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक बाल वधु के साथ यौन संबंध को अपराध करार देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला दिया था. इसलिए भारत के आपराधिक न्यायशास्त्र में एक अपवाद को हटा दिया गया, जो तब तक एक नाबालिग पत्नी के साथ विवाह को कानूनी मानता था. अधिनियम का उद्देश्य बाल विवाह और संबंधित और प्रासंगिक मामलों को रोकना है. बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 2006 ने बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 1929 के पहले के कानून को बदल दिया था.
1 नवंबर, 2007 को लागू हुआ था अधिनियम
यह अधिनियम, जो 1 नवंबर, 2007 को लागू हुआ था, भारत में बाल विवाह पर रोक लगाता है. यह बाल विवाह के पीड़ितों की सुरक्षा और सहायता भी करता है. हालांकि, यह मुस्लिम पर्सनल लॉ को ओवरराइड नहीं करता है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बाल विवाह की अनुमति देता है.
4+