पीड़ित पतियों का दर्द, पीएम आवास आफत या राहत, पहली किश्त के साथ ही प्रेमियों के साथ भाग रही हैं महिलाएं

प्रधानमंत्री आवास योजना की संकल्पना के सहारे समाज के कमजोर तबकों के सर पर छत मुहैया करवाने का सपना देखा गया था, माना गया था कि इसके सहारे आर्थिक-सामाजिक रुप से कमजोर तबका भी आत्मसम्मान की जिंदगी जी पायेगा, उसका परिवार भी आत्मसम्मान के साथ समाज में रह पायेगा, योजना की खास बात यह थी कि आवास निर्माण की राशि घर की महिला के खाते में डाली जाती थी, ताकि पुरुष इस राशि का दुरुपयोग नहीं कर सकें, शराब और दूसरे व्यसनों में इसे बर्बाद नहीं किया जा सके.

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