नवादा(NAWADA): सात समुंदर पार अमेरिका से चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व मानने मोनी सिंह अपने बेटे के साथ नवादा पहुंच गई है. छठ जैसे महापर्व पर मोनी अपने आप को नहीं और नवादा शहर के बुंदेलखंड स्थित अपनी ससुराल पहुंच गई.
छठी मईया के सेवा में समर्पित हूं
बता दें कि बुंदेलखंड निवासी धीरज कुमार सिंह की पत्नी मोनी सिंह, अपने 6 वर्षीय बेटे के साथ नवादा छठ करने पहुंची है. मोनी सिंह ने बताया कि अमेरिका में भी वह छठ कर सकती थी लेकिन अपनी माटी में अपने संस्कारों के साथ छठ माई के प्रति श्रद्धा निवेदित करने का उद्वेग कुछ ऐसा था कि मन मचल उठा और अब नवादा की धरती पर हूं. छठी मईया के सेवा में समर्पित हूं. उन्होंने कहा कि पावन छठ में इतनी ताकत होती है कि हर श्रद्धालु अपने गांव अपने शहर अपने घर किसी तरह से लौट ही आता है. उन्होंने पिछले वर्ष छठ की शुरुआत की थी. मन्नत मांगने के बाद पूरी होने पर वह दूसरी बार छठ के लिए नवादा पहुंची हैं.
बेटे ने कहा भगवान ही संसार के तारणहार
वहीं, उनके छोटे से बेटे ने भी अंग्रेजी में बताया कि “सन ऑफ गॉड” सूर्य भगवान ही संसार के तारणहार हैं. सूर्य भगवान की आराधना हम सभी को करनी चाहिए. नन्हे बालक ने अंग्रेजी में भी पूरी श्रद्धा दिखाते हुए कहा कि भारत की माटी बिहार की माटी में छठ पर्व मनाने का एक अलग सा उत्साह है, जिससे बड़ी ऊर्जा मिलती है. अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया सैन्जोसे में बैंकर धीरज सिंह अपनी पत्नी मोनी सिंह और अपने दो बच्चे के साथ रहते हैं. घर में मोनी के अलावा भाभी मंजू देवी और दीदी भी छठ कर रही हैं.
छठ जोड़ता है परिवार को, संस्कार का होता है आदान प्रदान
रिटायर्ड आईजी केपी सिंह की सबसे छोटी पुत्री और नारायण सिंह की बहु मोनी सिंह कहती हैं कि छठ आज वैश्विक हो गया है. यह ऐसे ही इतना प्रसार नहीं पा रहा बल्कि इसकी मान्यताएं और इसके संदेश ही जन-जन को इससे जोड़ कर रखने में कामयाब है. मोनी कहती हैं कि छठ परिवार को जोड़ता है. छठ के बहाने संस्कार का आदान-प्रदान होता है. सनातनी परंपरा का अद्वितीय वाहक छठ सृष्टि के अंत तक अपनी अस्मिता अक्षुण्ण बनाए रखने में सफल रहेगा, हम अपनी आस्था और विश्वास के बूते ऐसा कहते हैं तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.
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