रांची(RANCHI) : लोहरदगा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने जब से सुखदेव भगत के नाम का एलान किया है तब से वहां पर बगावती सुर उठने शुरू हो गए हैं. बिशुनपुर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक चमरा लिंडा लोकसभा चुनाव के रण में कूदने को आतुर हैं. उनके बागी तेवर देख इंडिया गठबंधन की टेंशन बढ़ गयी है. खासकर कांग्रेस पार्टी के माथे पर चिंता की लकीरें दिखना शुरू हो गया है. कांग्रेस को ये डर सता रहा है कि अगर चमरा लिंडा लोहरदगा लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ते हैं तो पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है, और इसका सीधा फायदा भाजपा को हो सकता है. ऐसे में इंडिया गठबंधन डैमेज कंट्रोल पर जुट गई है. और बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा को मनाने में जुट गई है.
लोहरदगा में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
बताया जाता है कि झामुमो विधायक चमरा लिंडा लोहरदगा से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए हैं. उन्होंने विधानसभा में अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए के आवेदन गुरुवार को दिया है. इस सीट से अगर चमरा लिंडा मैदान में उतरते हैं तो लोहरदगा में त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है. क्योंकि कांग्रेस ने लोहरदगा सीट से सुखदेव भगत को उम्मीदवार बनाया है. वहीं भाजपा ने इस सीट से राज्यसभा सांसद समीर उरांव को टिकट दिया है. पहले इस सीट से लगातार तीन बार बीजेपी नेता सुदर्शन भगत जीतते आ रहे हैं. लेकिन इस बार भाजपा ने सुदर्शन भगत का पत्ता काटकर पहली बार समीर उरांव को मैदान में उतारा है. चमरा लिंडा इस सीट से अगर चुनाव लड़ते हैं तो लोहरदगा के रण भूमि में त्रिकोणीय मुकाबला होने से कोई नहीं रोक सकता है.
लोहरदगा सीट के लिए अड़ा था झामुमो
मिली जानकारी के अनुसार बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा के लिए झामुमो सीट शेयरिंग में लोहरदगा सीट के लिए अड़ा हुआ था. लोहरदगा पर जेएमएम का दावा कई कारणों पर था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया. इससे झामुमो नाराज भी है. हालांकि जेएमएम अपनी नाराजगी खुलकर नहीं रख पाया है. सिर्फ इतना कहा है कि अगर कांग्रेस ने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है तो वो जीत की भी गारंटी ले.
चमरा लिंडा को मनाने में जुटी पार्टी
इधर अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन देने के बीच विधायक चमरा को झामुमो मनाने में जुट गई है. इसकी जिम्मेवारी पार्टी के एक मंत्री को दी गयी है. अब देखना होगा कि बिशुनपुर विधायक को मनाने में पार्टी कितना सफल हो पाती है. अगर वे नहीं माने तो आने वाले चुनाव में दिलचस्प मुकाबला होगा. इस सीट से कौन बाजी मारेगा और कौन नहीं ये तो चुनाव परिणाम ही बता पायेगा.
लोहरदगा सीट पर सामाजिक तानाबाना
बता दें कि यह सीट एसटी के लिए आरक्षित है. लोहरदगा, रांची का मांडर और गुमला जिले का गुमला, विशुनपुर और सिसई मिलकर लोहरदगा संसदीय क्षेत्र बना है. लोहरदगा लोकसभा सीट में पड़ने वाले सभी विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र में करीब 64 फीसदी एसटी मतदाता हैं. एससी मतदाताओं की संख्या 2.7 प्रतिशत, मुस्लिम मतदाता करीब 14.4 प्रतिशत है. ग्रामीण मतदाताओं की बात करें तो करीब 93.5 प्रतिशत है. वहीं शहरी मतदाता लगभग 6.5 प्रतिशत है. 2019 के चुनाव में करीब 1263023 मतदाताओं ने वोट का प्रयोग किया. लगभग 65.9 प्रतिशत मतदान हुए.
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