रांची (TNP Desk) : लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने वाले जय प्रकाश भाई पटेल पर विश्वास जताते हुए पार्टी ने हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है. अब उनका सामना बीजेपी प्रत्याशी मनीष जायसवाल से होगा. वर्तमान में हजारीबाग से जयंत सिन्हा सांसद हैं. इसबार पार्टी ने इन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया है. मांडु से जय प्रकाश भाई पटेल तीन बार विधायक रह चुके हैं. दो बार झारखंड मुक्ति मोर्चा और एक बार भाजपा से विधायक बने हैं. वे बेहद आक्रमक तेवर वाले नेता माने जाते हैं.
जेपी पटेल का सियासी सफर
जय प्रकाश भाई पटेल का जन्म 12 जून 1982 को विष्णुगढ़ में हुआ था. वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेता स्व. टेक लाल महतो के पुत्र हैं. उन्होंने रांची विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान से स्नातक किया है. 41 साल के जय प्रकाश ने टेकलाल महतो के निधन के बाद वर्ष 2011 में सियासी पारी का आगाज किया. उसी साल मांडू में हुए उपचुनाव में उन्होंने झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़े और पहली बार विधायक बने. इसके बाद वर्ष 2013 में उनको पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री पद मिला. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में दोबारा झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर मांडू से विधानसभा पहुंचे. इस चुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार कुमार महेश सिंह को 7012 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए थे. हालांकि वर्ष 2019 को झामुमो द्वारा मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किये जाने के कारण जेपी पटेल नाराज होकर जेएमएम को छोड़ भाजपा में शामिल हो गए. साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर जेपी पटेल मांडू से चुनाव लड़े. उन्होंने एजेएसयूपी के उम्मीदवार निर्मल महतो को 2,062 वोटों से हराया. उस चुनाव में उनको 49,855 मत प्राप्त हुए थे.
करोड़पति हैं जय प्रकाश पटेल
हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी जय प्रकाश पटेल करोड़पति हैं. उनकी संपत्ति 3.67 करोड़ रुपए है. देनदारियां करीब 62.51 लाख है. उनके खिलाफ दो आपराधिक मामले दर्ज हैं. जो विभिन्न धाराओं में अंकित है.
दो बार कांग्रेस ने दर्ज की है जीत
हाजारीबाग लोकसभा सीट से कांग्रेस दो बार जीती है. जबकि भाजपा सात और जनता पार्टी चार बार जीत दर्ज की है. वहीं दो बार सीपीआई ने परचम फहराया है. यहां अभी तक 18 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं.
हजारीबाग संसदीय क्षेत्र में अधिकांश प्रखंड कृषि प्रधान है. लेकिन कृषि के पेशे को गति देने के लिए कोई ठोस प्रयास अभी तक नहीं हुए. बरही विधानसभा में पड़ने वाले बक्सा डैम व चौपारण स्थित चौथी गांव का नहर निर्माण अधूरा है. बड़कागांव में उद्धव सिंचाई योजना अधूरी है. नदी में निर्माण कार्य बंद है. केरेडारी में घाघरा डैम नहर निर्माण कार्य आज भी अधूरा है. कोनार नहर सिंचाई परियोजना, टाटीझरिया प्रखंड बोधा डैम में नहर निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. रामगढ़ विधानसभा में भैरवा जलाशय से अधूरा नहर निर्माण समेत कई सिंचाई परियोजनाएं आज भी मुद्दा हैं. अब देखना होगा कि आने वाले चुनाव में जय प्रकाश पटेल इन मुद्दों से कैसे पार पाते हैं. क्योंकि वे खुद किसान हैं और किसानों का दर्द बखूबी जानते हैं.
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