टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-खनन घोटाला, जमीन घोटाले के बाद शराब घोटाले में ईडी ने शराब माफिया योगेन्द्र तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है और कोर्ट से 8 दिनों की रिमांड भी मिल गई है. तिवारी के शिकंजे में बाद वे लोग अंदर-अंदर हांफने और थर्राने लगे हैं, जिसने इस नशे के धंधे में अपना हाथ डाला है. गुरुवार को ईडी ने तकरीबन सात बजे योगेन्द्र तिवारी को शराब घोटाले में पहली गिरफ्तारी की. योगेन्द्र को ही इसका शहंशाह माना जा रहा था. औऱ आखिरकार जो अंदेशा था, वह तो हो ही गया. तोहमते ये लगाई जा रही कि उसने पूर्व की सरकार से लेकर अब तक शराब के धंधे में करोड़ों की दौलत बनाई, इसके साथ ही नेताओं और नौकरशाहों के काले कमाई को भी निवेश कर उजला करने की कोशिश की. बताया जाता है कि येगेन्द्र ने बेशुमार पैसे को शैल कंपनियो में खपाएं
ईडी ने कैसे की गिरफ्तारी
शराब घोटाले के सिलसिले में जांच एजेंसी ईडी ने 23 अगस्त को राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव सहित कुल 36 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान कई अहम सबूत हाथ लगे थे. मंत्री रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव के ठिकाने से ईडी को 30 लाख रुपए नकद बरामद किया था. इस ताबड़तोड़ तलाशी औऱ छापेमारी के बाद ही अंदर ही अंदर चर्चा गर्म होने लगी थी कि अब ज्यादा दिन तक शराब कारोबारी योगेन्द्र तिवारी नहीं बच सकते हैं, क्योंकि इस धंधे के सबसे बड़े नाम और नामचीन चेहरे वही थे. इस दौरान योगेन्द्र से ईडी ने रांची ऑफिस में पूछताछ भी की थी. इसके अलावा उसके भाई अमरेंद्र तिवारी और कांग्रेस नेता मुन्नम संजय से भी सवाल-जवाब किया था. इसके बाद घोटाले की कड़ियों को जोड़ते हुए और पूछाताछ की बात को मिलान के बाद जो ठोस सबूत हाथ लगे. इसी के आधार पर ईडी ने अमरेन्द्र तिवारी को गिरफ्तार कर लिया .
कई नौकरशाह और सफेदपोशों की अटकी सांसे
जांच एजेसी शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही है. लिहाजा, कई सफेदपोश और नौकरशाहो के भी पैसे इसमें लगने की बात भी जोर-शौर से चर्चा में है. लिहाजा, ऐसे कयास लगाये जा रहे है कि उनकी भी गिरफ्तारी बारी-बारी से ईडी करेगी. लिहाजा, जिनके भी नाम ईडी की लिस्ट में आए होंगे, उनपर भी आज नहीं तो कल गाज गिरनी तय है. ऐसे में उनलोगों की सांसे अंटकी हुई है, जिनके कारोबारी तालुक्कात योगेन्द्र तिवारी से रहें हैं. अमरेन्द्र तिवारी को लेकर कोर्ट से आठ दिनो की रिमांड ईडी से मिल गई है.
कैसे ईडी की रडार पर आए योगन्द्र तिवारी
शराब घोटाले में तो एक वक्त योगेन्द्र तिवारी की कही चर्चा ही उतनी नहीं चल रही थी, 23 अगस्त को ईडी की छापेमारी के बाद सबकी जुबान पर नाम तिवारी का आया था. हालांकि, पिछले साल जब अवैध खनन मामले में सत्ता के पावर ब्रोकर माने जाने वाले प्रेम प्रकाश ठिकाने पर ईडी रेड डाली थी, तो वही पर शराब के सिंडिकेट से संबंधित काफी मात्रा में दस्तावेज हाथ लगे थे. इससे ये जानकारी हाथ लग गई थी कि प्रेम प्रकाश तो बड़ा खिलाड़ी है ही, इसके साथ योगेन्द्र तिवारी भी शराब के धंधे का बड़ा किंग है . दोनो ने ही नेताओं औऱ नौकरशाहों के काले धन को सफेद किया. दोनों ने अफसरों और नेताओं की सांठगांठ से फर्जी कंपनी पर शराब का ठेका लिया . इसके साथ ही काले धन को जमीन, बालू और शैल कंपनियों में निवेश किया. वैसे 2020 में योगेंद्र तिवारी के करीबियों की शराब दुकानों में स्टॉक में भी गड़बड़ी मिली थी. उस वक्त कईयों की गिरफ्तारी हुई थी, तिवारी पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ही ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी.
फिलहाल, पूरी शिदद्त अभी जांच चल ही रही है, किंग पिन योगेन्द्र की गिरफ्तारी के बाद आगे परत दर परत इस शराब घोटाले के पन्ने खुलेंगे, जिसमे कई नामचीन नाम के आने की भी संभावनाएं जताई जा रही है. अब देखना है कि इस घोटाले में और कौन-कौन से नाम हैं.
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