रांची(RANCHI): कोरोना महामारी के वैश्विक प्रसार के मद्देनजर भारत में इसकी चिंता जरूर देखी जा रही है. भारत सरकार ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ विचार-विमर्श भी किया है. ऐसी स्थिति में कुछ एहतियाती कदम उठाने शुरू हो गए हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आम लोगों से यह आग्रह किया है कि पूर्व की तरह कोविड-19 प्रोटोकोल को जरूर मेंटेन किया जाना चाहिए. इस कड़ी में मास्क पहनना बेहद जरूरी है. इसके अलावे सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन किया जाना चाहिए. लेकिन झारखंड सरकार महामारी के मद्देनजर अपने को तैयार तो कर रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक भी की. लेकिन कुछ चीजें जो होनी चाहिए थी उस पर जरूर ध्यान देना चाहिए था. उनमें से एक है मास्क पहनना.
झारखंड सरकार संक्रमण बढ़ने का कर रही इंतजार
उच्च स्तरीय बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मीडिया से बताया था कि मास्क पहनना अनिवार्य नहीं किया गया है. जबकि यह अनिवार्यर्ता होनी ही चाहिए थी. सरकार के स्तर से इसे अवश्य लागू किया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं कहा गया है. चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि तत्काल मास्क लगाने की अनिवार्यता और सोशल डिस्टेंसिंग को जरूर अनिवार्य किया जाना चाहिए. शायद सरकार संक्रमण बढ़ने का इंतजार कर रही है. अभी नए साल के जश्न को लेकर होटल,क्लब या अन्य कम्युनिटी हॉल में भारी गैदरिंग होने की संभावना है. ऐसे में कोरोनावायरस के नए वेरिएंट के संक्रमण हो सकते हैं. इसलिए सरकार को इस संबंध में गाइडलाइंस जारी करना चाहिए.
बिहार के गया में कोरोना के चार नए मरीज
कर्नाटक सरकार ने मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. इसके लिए बकायदा गाइडलाइंस जारी कर दिया गया है. कर्नाटक सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने का भी निर्देश दिया है. जानकारों का कहना है कि झारखंड में भी इस तरह के निर्देश सरकार की ओर से जरूर जारी होनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि बिहार के गया में कोरोना के चार नए मरीज मिले हैं. ओडिशा में भी मामले सामने आए हैं. दोनों राज्य झारखंड से जुड़े हुए हैं. वैसे समझदार लोग अपनी सुरक्षा के लिए मास्क पहनना शुरू कर दिए हैं. लेकिन सरकार की बात कुछ और होती है. मास्क पहनने की अनिवार्यता के संबंध में निर्देश जरूर होना चाहिए ताकि लोग इसे फॉलो कर सकें.
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