टीएनपी डेस्क(TNP DESK): भारत निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए तारीख का ऐलान कर दिया है.मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस वार्ता के दौरान इसकी जानकारी दी. कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटें हैं. भारत निर्वाचन आयोग की घोषणा के अनुसार 10 मई को मतदान होगा. सभी 224 सीटों के लिए एक ही दिन मतदान कराने का निर्णय लिया गया है. 13 मई को मतगणना होगी. 5.13 करोड़ मतदाता इस विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.लगभग 9.17 लाख नए मतदाता इस बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे. ट्रांसजेंडर मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. एक ही दिन मतदान कराए जाने के पीछे यह भी तर्क दिया गया कि अधिकांश राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों ने यह आग्रह किया था कि गर्मी के मद्देनजर एक ही चरण में मतदान करा लिया जाए. चुनाव आयोग ने इसे माना है.
13 अप्रैल को चुनाव के संबंध में जारी होगी अधिसूचना
भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार 13 अप्रैल को चुनाव के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही कर्नाटक में आचार संहिता लागू कर दी गई है. अब इस राज्य में किसी प्रकार की लोकलुभावन घोषणाएं नहीं की जा सकेंगी. जानकारी के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग ने तय किया है कि दक्षिण भारत के कर्नाटक में मई के दौरान हीटवेव अधिक होते हैं. चुनाव प्रचार समेत चुनावी कार्य में लगे लोगों की सहूलियत के लिए ऐसा निर्णय लिया गया है. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने में कहीं कोई परेशानी नहीं होगी. पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल उपलब्ध होंगे. 240 मॉडल मतदान केंद्र बनाए जाएंगे.
80 साल की उम्र से ऊपर के लोगों के लिए वोट फ्रॉम होम की सुविधा
चुनाव आयोग के अनुसार विधानसभा चुनाव में बाहुबल और धनबल के उपयोग पर कड़ी नजर रहेगी. मतदाताओं को किसी प्रकार से प्रभावित करने के प्रयास को विफल करने के लिए सूचना तंत्र का विशेष उपयोग किया जाएगा. इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों का सहारा लिया जाएगा. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के अनुसार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 12.15 लाख ऐसे मतदाता हैं जो 80 साल की उम्र से ऊपर के हैं. इन्हें वोट फ्रॉम होम की सुविधा दी जाएगी.
वर्तमान समय में कर्नाटक में भाजपा की सरकार
वर्तमान समय में कर्नाटक में भाजपा की सरकार है. 2018 के चुनाव में भाजपा 104 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का प्रयास किया लेकिन दो ही दिन में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था क्योंकि उनके पास बहुमत नहीं था. तब कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी लेकिन अंदरूनी बगावत की वजह से यह सरकार दो ही महीने में गिर गई. उसके बाद भाजपा के नेतृत्व में यहां सरकार बनी जो आज तक चल रही है. भाजपा ने बागी विधायकों का सहारा लेते हुए बहुमत का आंकड़ा साध लिया था. कांग्रेस को 80 और जेडीएस को 37 सीटें मिली थीं.
चुनाव की तारीख की घोषणा होने के साथ ही बिहार चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के राजनीतिक दल संभावनाओं को तलाशने में जुट गए हैं. द न्यूज़ पोस्ट कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रत्येक पहलू से आपको अवगत कराता रहेगा.
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