Joshimath subsidence: जोशीमठ हादसे पर सोमवार को सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग
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Joshimath subsidence- मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी पर्दीवाला की पीठ ने जोशीमठ हादसे पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती दायर याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गयी है. शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड जानकारी के अनुसार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगी.
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दायर की है याचिका
यहां बता दें कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस मामले में याचिका दायर कर इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है. जोशीमथ अपने जमीन धंसाव के कारण राष्ट्रीय चर्चा में है. पूरे देश की निगाहें इस और लगी हुई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरा शहर जमीन के नीचे जा रहा है. घर सड़के और खेतों में दरार आ रही है.
विनाशकारी विकास की नीतियों का बताया जा रहा है हादसे की वजह
दरअसल, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जोशीमठ के इस पूरे हादसे को पिछले कुछ एक वर्षों में अपनायी गयी कथित विकास की नीतियों से जोड़ कर देख रहे हैं. उनका मानना है कि यह पूरा हादसा इसी दोषपूर्ण विकास की नीतियों का परिणाम है. हमें पर्य़टक स्थल और धार्मिक स्थल के बीच के अंतर को समझना होगा, हर धार्मिक स्थल की अपनी मर्यादा होती है. जबकि पर्यटक स्थल की जरुरतें कुछ और ही होती है. जिस संरचना का निर्माण धार्मिक स्थल के किया जाता है या धार्मिक स्थल में जिस संरचना की जरुरत है, वह पर्यटक स्थल से अलग होती है.
उत्तराखंड के लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और मुआवजे की मांग
याचिकाकर्ता की ओर से उत्तराखंड के लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और मुआवजे की मांग की गयी है. साथ ही इस चुनौतीपूर्ण समय में जोशीमठ के निवासियों को सक्रिय रूप से समर्थन देने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को निर्देश देने की भी मांग की गई है।
कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया था इंकार
यहां बता दें कि इसके पहले कोर्ट ने 10 जनवरी को इस मामले में तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया था, तब कोर्ट ने कहा था कि हादसे से निपटने के लिए चुनी हुई लोकंतांत्रिक सरकार मौजूद है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
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