Jharkhand Politics: विभीषण वर्सेस रावण के बीच चंपाई सोरेन के मामले में अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. यहां मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में सोमवार को भाजपा क बड़े नेताओं से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी. कहा जाता है कि भाजपा के नेता दिल्ली से बाहर थे. शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात नहीं हो सकी है. हो सकता है कि चंपाई सोरेन आज रांची लौटेंगे. अब रांची या कोल्हान की किसी मीटिंग में उन्हें भाजपा में शामिल करने की योजना पर भी विचार चल रहा है. अंतिम निर्णय क्या होगा, इसकी तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. इस पूरे प्रकरण में झारखंड मुक्ति मोर्चा तो पर्दे के पीछे से काम कर रहा है लेकिन कांग्रेस के बन्ना गुप्ता ने मोर्चा खोल दिया है. यह कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा की अंदरूनी राजनीति है या झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस के नेताओं के मुंह से अपनी बात कहावाने की राजनीति पर काम कर रहा है, यह तो धीरे-धीरे साफ होगा.
भाजपा का आरोप चाटुकारिता में बन्ना गुप्ता शब्दों की मर्यादा भूल गए
वैसे चंपाई सोरेन अभी दिल्ली में ही है. रविवार को दिल्ली गए थे. इसके बाद से ही झारखंड की राजनीति गरमा गई है. यह बात भी सच है कि चंपाई सोरेन को विधायकों का साथ नहीं मिल रहा है. सूचना यह भी निकल कर आ रही है कि सभी चर्चे के विधायकों से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संपर्क में हैं और उन्हें बताया और समझाया जा रहा है. उन्हें भविष्य की राह दिखाई जा रहा है .मंत्री बन्ना गुप्ता के बयान के बाद भाजपा ने भी मोर्चा खोल दिया है .बन्ना गुप्ता पर सीधा आरोप लग रहा है कि चाटुकारिता में बन्ना गुप्ता शब्दों की मर्यादा भूल गए हैं. कोल्हान के आदिवासी नेता का अपमान कर रहे हैं.
चंपाई सोरेन के अगले कदम की झारखंड प्रतीक्षा कर रहा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि चंपाई सोरेन एक मेच्योर पॉलिटिशियन है और झारखंड राज्य के गठन के लिए चलाए गए आंदोलन में उनकी बड़ी हिस्सेदारी है. जिस तरह से उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाया गया, उससे वह आहत हैं. वह अपनी आगे की राह का निर्णय खुद करेंगे. जो भी हो लेकिन अब ऐसा लगने लगा है की चंपाई सोरेन को भाजपा में जाना उनकी मजबूरी बन सकती है. वैसे सूत्र यह भी बताते हैं कि चंपाई सोरेन को भी समझाने और बताने की कोशिश की जा रही है. चंपाई सोरेन के अगले कदम की झारखंड प्रतीक्षा कर रहा है .यह बात भी सच है कि कोल्हान में झारखंड मुक्ति मोर्चा से टकराए बिना भाजपा को सीटें नहीं मिल सकती है. कोल्हान के 14 सीटों में 11 सीटें अभी झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास है. दो पर कांग्रेस को जीत मिली है. जबकि जमशेदपुर पूर्वी सीट से सरयू राय ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया है.
दो-चार दिनों में झारखंड की राजनीति साफ हो जाएगी
चंपाई सोरेन के बारे में यह भी चर्चा है कि बेटे बाबूलाल सोरेन को राजनीतिक में एडजस्ट करने के चक्कर में जल्दी बाजी में उन्होंने कदम उठा लिया है. अभी तो उनके कथित समर्थक विधायक कह रहे हैं कि वह झामुमो को नहीं छोड़ेंगे, लेकिन अब रांची या कोल्हान में बड़ी सभा कर चंपाई सोरेन को भाजपा में शामिल कराने की योजना बन रही है तो ऐसा तो नहीं, कि जो विधायक आज भाजपा में नहीं जाने की कसमें खा रहे हैं, वह झारखंड मुक्ति मोर्चा को धोखा दे देंगे. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि दो-चार दिनों में झारखंड की राजनीति साफ हो जाएगी और भाजपा के खाते में एक और पूर्व मुख्यमंत्री का नाम जुड़ जाएगा.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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