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पटना(PATNA): राजधानी पटना में जनता दल यूनाइटेड के द्वारा आरक्षण विरोधी भाजपा का पोल खोल एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया. पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे के कार्यकर्ता धरना पर बैठे. कार्यक्रम का आयोजन पटना महानगर एवं पटना ग्रामीण जिला जनता दल युनाइटेड की ओर से किया गया. इस दौरान JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा बीजेपी का आरक्षण विरोधी चेहरा को बेनकाब करने के लिए बिहार के सभी जिला मुख्यालय पर पार्टी के कार्यकर्ता धरना पर बैठे हैं. उमेश कुशवाहा ने कहा बीजेपी के काले सच को बताएंगे.
ललन सिंह ने कहा RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 2015 के चुनाव के पहले ही या कहा था कि आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार करना चाहिए. आरक्षण व्यवस्था को फिर से सोचने की जरूरत है. उसी समय हम लोग को लग गया कि भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा है आरक्षण को समाप्त करना.बिहार में नगर निकाय के चुनाव में अति पिछड़े वर्ग को बिहार में 20% का आरक्षण दिया गया. 2006 में पंचायती राज को दिया गया, 2007 में नगर निकाय को दिया गया यह मामला पटना हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया. पटना हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के कानून को वैध ठहराया. उसके बाद 2007 में 2012 और 2017 में चुनाव हो चुके हैं इस आरक्षण व्यवस्था के तहत. लेकिन 2022 में एक नई साजिश हुई और उस साजिश के तहत नगर निकाय चुनाव में आरक्षण समाप्त करने का निर्णय लिया गया और आयोग बनाने की बात की गई है. जेडीयू शुरू से ही मांग करती रही है देश में आवश्यकता है जातिगत जनगणना कराने की. मुख्यमंत्री जी ने दो-दो बार विधानसभा के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया. मुख्यमंत्री स्वयं गृह मंत्री से मिले. उसके बाद प्रधानमंत्री से भी मिले लेकिन जातीय जनगणना कराने के लिए वह लोग तैयार नहीं हुए. क्योंकि बीजेपी जानती है अगर जातीय जनगणना होगी तो आरक्षण व्यवस्था को लागू रखना पड़ेगा.
Thenewspost - Jharkhand
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