टीएनपी डेस्क(TNP DESK): पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लगातार लोगों पर अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं. इस मुद्दे पर पाकिस्तान को भारत ने दो टूक सुनाई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लोगों के खिलाफ अत्याचार करने के लिए इस्लामाबाद की आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तान को इसके परिणाम भुगतने होंगे.
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में इन्फैंट्री डे समारोह में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं कि उसने हमारे क्षेत्रों के लोगों को कितने अधिकार दिए हैं, जिन पर उसने अनधिकृत कब्जा कर लिया है? अमानवीय घटनाओं के लिए पाकिस्तान पूरी तरह जिम्मेदार है. आज पीओके में अत्याचार के बीज बोए जा रहे हैं. पाकिस्तान को आने वाले समय में इसके खामियाजा का सामना करना पड़ेगा.
“मानवाधिकारों की चिंता तब कहां जाती है जब हमारी सेना पर आतंकवादियों द्वारा हमला किया जाता है”
रक्षा मंत्री ने तथाकथित बुद्धिजीवियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा सेना या राज्य सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने पूछा कि मानवाधिकारों की चिंता तब कहां जाती है जब हमारी सेना पर उन्हीं आतंकवादियों द्वारा हमला किया जाता है, या आम जनता पर हमला किया जाता है और उनके साथ बेरहमी से व्यवहार किया जाता है?
“कश्मीरियत के नाम पर आतंकवाद का तांडव किया गया”
इस बात पर जोर देते हुए कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद का तांडव जो इस राज्य ने कश्मीरियत के नाम पर देखा, उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है. अनगिनत जानें चली गईं और अनगिनत घर तबाह हो गए. धर्म के नाम पर कितना खून बहा, इसका कोई हिसाब नहीं है. कई लोगों ने आतंकवाद को धर्म से जोड़ने का प्रयास किया है, लेकिन क्या आतंकवाद के शिकार किसी एक धर्म तक ही सीमित हैं? सामने हिन्दू है या मुसलमान यह देखकर आतंकवादी हरकत करता है? आतंकवादी केवल भारत को निशाना बनाकर अपनी योजनाओं को अंजाम देना जानते हैं. रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर को लंबे समय तक अंधेरे में रखने के लिए 'स्वार्थी राजनीति' को भी जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से यह क्षेत्र, जिसे धरती पर स्वर्ग कहा जाता है, कुछ स्वार्थी राजनीति के आगे झुक गया है और एक सामान्य जीवन जीने के लिए तरस रहा है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ भेदभाव पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समाप्त हुआ है.
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