टीएनपी डेस्क(TNP DESK): तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप से होने वाली तबाही रुकने का नाम नहीं ले रही. बुधवार को तुर्की में एक और भूकंप आया. तुर्की के गाजियांटेप प्रांत के नूरदगी जिले में 4.3 तीव्रता का एक और भूकंप आया. अब तक इस विनाशकारी भूकंप में तुर्की और सीरिया में मरने वालों की संख्या बढ़कर 9,500 हो गई है.
मलबे के नीचे हुआ बच्चे का जन्म
जहां एक ओर सीरिया और तुर्की में सिर्फ दिल दहलाने वाली खबर आ रही है, वहीं एक ओर खुशखबरी भी मिली, मंगलवार को उस समय एक चमत्कार हुआ, जब सीरिया में एक बड़े भूकंप के बाद ढह गई इमारतों के मलबे के नीचे एक बच्चे का जन्म हुआ. इससे लोगों को थोड़ी उम्मीद मिली है, और लोग ऐसे ही किसी चमत्कार की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
9500 से ज्यादा लोगों की मौत
बता दें कि 6 फरवरी के शुरुआती घंटों में आए दोनों देशों में 7.8 तीव्रता के बड़े पैमाने पर भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया में मरने वालों की संख्या बढ़कर 9,500 हो गई है. इलाके में गहन बचाव अभियान जारी है, उम्मीद है कि टोल और बढ़ सकता है. शक्तिशाली लगातार भूकंपों ने दोनों देशों को हिला दिया. पूरे अपार्टमेंट ब्लॉकों को गिरा दिया, अस्पतालों को बर्बाद कर दिया, और हजारों लोग घायल और बेघर हो गए.
भारत ने भेजी मदद
तुकी और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद अब तक 70 देशों ने खोज और बचाव में मदद की पेशकश की है. भारत ने मंगलवार को भूकंप प्रभावित तुर्की के लिए भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप भेजी. शिपमेंट में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के कर्मियों की एक टीम के साथ विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड और आवश्यक उपकरण और सहायता प्रयासों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण उपकरण शामिल थे. वहीं तुर्की के भूकंप पीड़ितों के लिए राहत सहायता लेकर भारतीय वायु सेना का चौथा C17 विमान बुधवार को अदाना में उतरा. तुर्की और सीरिया में बचाव दल मलबे के नीचे बचे लोगों को खोजने के लिए जूझ रहे हैं. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने भूकंप से प्रभावित 10 शहरों में तीन महीने के लिए राज्य आपातकाल घोषित किया है.
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