टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-आज इस भागती-दौड़ती दुनिया में पैसों की अहमियत और इसकी ताकत क्या है. इससे हर कोई वाकिफ है. लेकिन, बाजारवाद जिस तरह हमारे जिवन में हावी होकर हमारी जरुरते बढ़ा रहा है. इसके चलते पैसों की जरुरत बहुत ही महत्व रखती है. लिहाजा, बेतहाशा जरुरतों को पूरा करने के लिए इंसान कर्ज लेने के लिए मजबूर हो जाता है. कभी-कभी पैसा न चुकाने का दबाव इतना हावी हो जाता है औऱ फाइनांस कंपनियों की प्रताड़ान इतनी बढ़ जाती है, कि एक इंसान बेबस होकर मौत को गले लगा लेता है. मानिसक तनाव के साथ-साथ इज्जत पर भी जब धब्बा लगने लगता है, तो मनुष्य को बेहद ही अपमापित महसूस करता है. तो फिर वह अकाल मौत को गले लगाने से भी नहीं हिचकता
गिरिडीह की महिला ने की खुदकुशी
गिरिडीह जिले के बेंगाबाद थाना क्षेत्र की एक महिला ने कर्ज के जाल से निकल नहीं सकी और खुद की जिंदगी ही खत्म कर ली. बताया जाता है कि खंडोली गांव की निवासी बबलू अंसारी की पत्नी जैबुन खातून ने एक प्राइवेट माइक्रो फाइनेंस कंपनी से कर्ज लिया था. इसके बाद सयम पर किस्त जैबुन खातून जमा नहीं कर पा रही थी. जिसके चलते कंपनी के अफसर और एजेंट हर तीन-चार दिन पर उसके घर पहुंच जाते थे. बार-बार किस्त चुकाने का दबाव भी बनाया जाता था. एक दिन इस तंग से अजीज आकर जैबुन खातून जंगल चली गई, घर नहीं लौटने पर परिजनों ने तलाश की तो बेहोशी की हालत में पाई गई. शायद उसने कुछ जहरीला पदार्थ खा लिया था. उसे इजाल के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां देर रात उसकी मौत हो गई. परिजनों ने फाइनेंस कंपनी की प्रताड़ना को मौत के लिए जिम्मेदार माना. बेंगाबाद के थाना प्रभारी विकास यादव ने इस बाबत बताया कि जांच की जा रही है.
चतरा में महिला ने खाया जहर
29 सितंबर को चतरा जिले के प्रतापपुर थाना इलाके के नौकाडीह गांव में भी एक महिला ने भी फाइनेंस कंपनी का लोन चुकता नहीं करने के चलते तनाव में जान दे दी. बताया जा रहा है कि 17 साल की युवती की लोन देने वाली कंपनी के कर्मियों और एजेंट ने पिटाई की थी. अपनी इज्जत पर आई आंच से आहट होकर उस लड़की ने जहर खा लिया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
झारखंड में फाइनेंस कंपनियां लोन को लेकर तरह-तरह के प्रचार और विज्ञापन करती है. इसके चलते जरुरतमंद लोग इसे लेते हैं. लेकिन, किस्त न चुकाने के चलते यही कर्ज उनकी जिंदगी को तबाह कर देता है. इसके साथ ही चितफंड कंपनियां भी लोगों का पैसा ठगने से बाज नही आती है. ईडी ने चिटफंड के पैसे से मनी लांड्रिंग से जुड़े केस में खुलासा किया. झारखंड में डीजेएन ग्रुप ने 15,326 निवेशकों से 147 करोड़ से अधिक की ठगी की है. देखा जाए तो लगातार भोले-भाले लोगों को इसका शिकार बनाया जा रहा है. कभी लोन देकर ज्यादा ब्याज वसूला जा रहा है, तो कभी पैसे जमा करने के नाम पर ज्यादा ब्याज देने का लालच दिया जा रहा है.
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