भ्रष्टाचार पर नहीं हुई सुनवाई तो काट डाली अपनी ही कलाई, जानिए क्या है मामला
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अररिया(ARARIYA): अररिया जिला के भरगामा प्रखण्ड के छर्रापट्टी वार्ड संख्या दो के रहने वाले विमल कुमार मंडल पिछले दस साल से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके लिए उन्होंने बकायदा प्रखंड से लेकर जिले के अधिकारी और मुख्यमंत्री के जनता दरबार मे हाजिरी लगाने के साथ प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर गुहार लगाया. लेकिन, आश्वासन की घुट्टी पीते-पीते अजीज होकर उन्होंने घोषणा की थी कि 01 अक्टूबर तक अगर कार्रवाई नहीं होती तो जिस हाथ से भ्रष्टाचार के खिलाफ वे पत्राचार करते हैं, उस कलाई को ही वे काट देंगे. अपनी इसी पूर्व की घोषणा के तहत उन्होंने अयोध्या के सरयू तट पर स्नान करने के बाद दाहिने हाथ की कलाई को काट डाला. गांव वालों को जब इसका पता चला तो सभी स्तब्ध रह गये.
केवल आश्वासन ही मिलता रहा
धार्मिक और आध्यात्मिक स्वभाव के विमल कुमार मंडल गांव और प्रखंड स्तर पर छाये भ्रष्टाचार से आहत थे और लगातार अपनी आवाज को बुलंद कर रहे थे. आवास योजना सहित अन्य लोक कल्याणकारी योजनाओं में लूट के खिलाफ वे प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक अधिकारी से मिलकर फरियाद कर चुके थे. इतना ही नहीं परिवार के सदस्य बताते हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार मे भी तीन बार पहुंचकर भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराया था. लेकिन, हरेक बार उन्हें केवल आश्वासन मिला.
15 जून को सीएम को लिखा था पत्र
फलस्वरूप उन्होंने 15 जून को एक पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखा और 01 अक्टूबर तक कार्रवाई नहीं होने पर हाथ की कलाई को काट लेने की बात कही. उन्होंने मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखा. सिमरबनी के उपमुखिया अनिल गुप्ता बताते हैं कि पिछले दस सालों से सामाजिक कार्यों में वे बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहें हैं और वह लगातार गांव की समस्याओं के साथ गांव और जिले में व्याप्त समस्याओं को लेकर आवाज बुलंद करते रहे हैं. अपनी लड़ाई के चक्कर मे करीब दो एकड़ जमीन भी उन्होंने बेच डाली. साधु के वेश भूषा में रहने वाले विमल कुमार मंडल सात्विक और धार्मिक विचारधारा से ओतप्रोत हैं और शुरू से ही धार्मिक स्थलों पर तीर्थाटन करते रहते हैं.
भरगामा के सिमरबनी के छर्रापट्टी गांव के रहने वाले हैं विमल कुमार मंडल
विमल कुमार मंडल भरगामा के सिमरबनी के छर्रापट्टी गांव के वार्ड संख्या दो के रहने वाले हैं. उनकी चार बेटी और एक बेटा है. चार बेटियों में से दो बेटियों की शादी हो चुकी है. विमल कुमार मंडल के पिता दत्त मंडल 2006 में पंचायत चुनाव में वार्ड सदस्य से लड़े थे और वार्ड सदस्य में जीतने के बाद वार्ड सदस्यों ने उन्हें पंचायत का उप मुखिया बनाया था. उस समय विवेकानन्द मंडल मुखिया थे और इस समय उन्होंने ग्रामीण स्तर पर योजनाओं में लूटखसोट को नजदीक से देखा था. उस समय तक सबकुछ ठीक-ठाक था. लेकिन, उसके बाद उन्होंने गांव के स्तर पर योजनाओं में चुने हुए प्रतिनिधियों और अधिकारियों की लूटखसोट का विरोध करना शुरू किया, जो लगातार जारी था. उनका मानना था कि साधु का जीवन आम जनजीवन के लिए होता है.
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