हजारीबाग-रहने को झोपड़ी नहीं तो शौचालय को बनाया आशियाना!सहदेव राम अबुआ आवास में खोज रहा ठिकाना

हेमंत सरकार यह दावा करती रही है कि केन्द्र सरकार झारखंड के आठ लाख गरीबों को आवास देने को तैयार नहीं थी, जिसके कारण उसे अबुआ आवास योजना की शुरुआत करनी पड़ी, जिसकी पूरी लागत राज्य सरकार खुद के संसाधनों के बल पर करेगी. अब प्रधानमंत्री आवास योजना के निराश सहदेव राम को अब इसी अबुआ आवास योजना में दिये की एक लौ जलती हुई दिखलायी पड़ती है

हजारीबाग-रहने को झोपड़ी नहीं तो शौचालय को बनाया आशियाना!सहदेव राम अबुआ आवास में खोज रहा ठिकाना