टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगेगा कि उम्र के चौथे पड़ाव में बुजुर्ग दंपती एक-दूसरे से अलग होना चाहे. जी हां एक ऐसा ही मामला जब इलाहाबाद के हाईकोर्ट में पहुंचा तो वहां मौजूद लोगों के साथ जज भी हैरान रह गए. मामला और तूल पकड़ लिया जब 80 साल के पति से 76 साल की पत्नी ने गुजारा भत्ता के रूप में 15 हजार रुपये महीने दिए जाने की मांग की. इस मामले की सुनवाई करते हुए जज ने टिप्पणी कर कहा कि ऐसा लगता है कि कलियुग आ गया है.
जानें क्या है पूरा मामला
मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का है. जहां बुजर्ग दंपत्ती ने फैमिली कोर्ट में अर्जी दाखिल की. 46 साल की गायत्री देवी ने अर्जी दाखिल कर कहा कि उनके पति मुनेश कुमार गुप्ता की पेंशन 35 हजार रुपये है, जिसमें उन्होंने गुजारा भत्ता के रूप में महीने के 15 हजार देने की मांग की है. मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने दंपती को आपस में सुलह कर लेने और इस तरह के मुकदमे से बचने की सलाह भी दी.
2018 से चल रहा था दंपत्ती के बीच विवाद
याचिकाकर्ता अलीगढ़ के मुनेश कुमार गुप्ता स्वास्थ विभाग में सुपरवाइजर के पद से रिटायर हुए हैं. मुनेश कुमार गुप्ता की पत्नी गायत्री देवी से 2018 से ही संपत्ति विवाद चल रहा था. विवाद बढ़ने के बाद फैमिली कोर्ट में याचिका दाखिल कर गुजारा भत्ता के रूप में प्रतिमाह 15 हजार रूपये की मांग की गई है. यहां बता दें कि फैमिली कोर्ट ने फरवरी से 5 हजार महीना गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था. मुनेश ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने की टिप्पणी
पत्नी को नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगली सुनवाई तक वे किसी समझौते पर पहुंच जाएंगे और इसे लेकर आएंगे. मुनेश कुमार गुप्ता ने पारिवारिक न्यायालय के आदेश की वैधता को चुनौती देते हुए सीआरपीसी की धारा 125 के तहत यह याचिका दायर की है.
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