रांची (RANCHI): गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड में शामिल आरोपी विशाल सिंह को झारखंड हाईकोर्ट से करार झटका मिला है. दरअसल आज हाईकोर्ट में न्यायाधीश जस्टिस रंगोन मुखोपाध्या की अध्यक्षता में मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने पिछली सुनवाई में ही पक्षों की बहस सुनने के बाद अपने फैसला सुरक्षित रख लिया था. आपकों बता दें कि विशाल सिंह को हजारीबाग सिविल कोर्ट ने पहले ही आजीवन कारावास की सजा सुना दी है. जिसके बाद से यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा है.
पहले भी कोर्ट ने बेल देने से किया इनकार
विशाल सिंह ने अपने अधिवक्ता के द्वारा जमानत याचिका दायर की थी. जिसमें विशाल सिंह की ओर से वरीय अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने बहस लड़ी. वहीं बहस के दौरान अधिवक्ता कुमार हर्ष ने विशाल सिंह क जमानत का पुरजोर विरोध किया था. उन्होंने अपनी बहस के दौरान अदालत को बताया कि पूर्व में भी विशाल सिंह ने दो बार हाईकोर्ट में जमानत दाखिल की थी. जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था. ऐसे में उसे बेल नहीं दी जानी चाहिए.
हजारीबाग कोर्ट परिसर में हुई थी गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव की हत्या
बता दें कि गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड झारखंड का बहुचर्चित घटना में से एक है. जिसमें पांडेय गिरोह के सरगना विकास तिवारी के लोगों ने अंजाम दिया था. मिली जानकारी के अनुसार लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में सजा काट रहे गैंगस्टर सुशील श्रीवास्त को 2 जून 2015 को हजारीबाग कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था. उसे दौरान सुबह के 10 बजे कोर्ट परिसर में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव को एके-47 से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना में श्रीवास्तव गैंग के दो सहयोगी मोहम्मद कलाम औऱ ज्ञासउद्दीन खान भी मारे गए थे. जिसके बाद सुशील श्रीवास्त के पुत्र के बयान के बाद सदर थाना में कांड संख्या 610/15 दर्ज किया गया था.
पांच साल बाद आय़ा था कोर्ट का फैसला
इस मामला में कोर्ट ने 5 साल और तीन महिने बाद अपना फैसला सुनाया था. जिसमें कोर्ट ने पांच आरोपियों को दोषी करार किया था. कोर्ट ने 11 सितंबर 2020 को इस मामले में सुनवाई करते हुए एडीडे अमित शेखर की अदालत ने पांडेय गिरोह के सरगना विकास तिवारी, दिलीप साहू, विशाल कुमार सिंह, राहुल देव पांडे औऱ संतोष देव पांडे को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करारा किया था. कोर्ट ने इस मामले में संतोष देव पांडेय और विकास तिवारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं कोर्ट ने विशाल कुमार सिंह, राहुल देव पांडेय औऱ दिलीप साहू को ताउम्र जेल में रखने की बात कही थी.
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