रश्मों का निर्वाह, सियासत पर विराम! देवरानी जेठानी की भूमिका में सीता सोरेन और कल्पना, देवर भाभी के बीच भी मुलाकात

क्या आज के बाद हम फिर से एकदूसरे के सामने ताल ठोंकते नजर नहीं आयेंगे. क्या उस सियासी प्रतिद्वंदिता में हम एक दूसरे को जख्म देते नजर नहीं आयेंगे, और यदि यही सब होता है, तो फिर क्या यह हमारे सीने में दफन दर्द को और भी गहरा नहीं करेगा.

रश्मों का निर्वाह, सियासत पर विराम! देवरानी जेठानी की भूमिका में सीता सोरेन और कल्पना, देवर भाभी के बीच भी मुलाकात