टीएनपी डेस्क(TNP DESK): भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को बड़ा झटका लगा है और उसे भारत लाने का रास्ता साफ होता दिख रहा है. ब्रिटेन की एक अदालत ने बुधवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में भारत में उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ भगोड़े हीरा व्यापारी की दाखिल अपील को खारिज कर दिया. दरअसल, नीरव मोदी को भारत लाने के लिए भारतीय एजेंसियों ने सरकारी और कानूनी स्तर पर अपील दाखिल की थी. इस याचिका में भारत सरकार की ओर से कहा गया था कि नीरव मोदी ने भारत के बैंकिंग सिस्टम के साथ फ्रॉड किया है. इसलिए उसे कानूनी प्रक्रिया के जरिए भारत सरकार के हवाले किया जाये. नीचली अदालत ने भारत सरकार के हक में फैसला सुनाया था.
कोर्ट ने याचिका की खारिज
इस फैसला के विरुद्ध नीरव मोदी ने ऊपरी अदालत में याचिका दायर की थी और मांग की थी कि वह भारतीय कानून का सामना करने को तैयार हैं, मगर, उन्हें भारतीय एजेंसियों के हवाले ना किया जाए. अब ऊपरी अदालत ने नीरव मोदी द्वारा दाखिल याचिका को खारिज कर दिया.
कोर्ट ने संपत्ति जब्त करने का दिया था आदेश
बता दें कि एक विशेष अदालत ने इससे पहले ईडी को भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी की 500 करोड़ रुपये की करीब 39 संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति दी थी. जून 2020 में भगोड़े आर्थिक अपराधी (एफईओ) अधिनियम, 2018 के तहत जब्ती के पहले आदेश में अदालत ने निर्देश दिया था कि ईडी द्वारा मोदी की संपत्तियों को कुर्क किया जाए. हालांकि, इसने पीएनबी और बैंकों के एक संघ को बंधक, दृष्टिबंधक या व्यक्तिगत गारंटी के माध्यम से सुरक्षित संपत्तियों को छूट दी थी. नीरव मोदी को दिसंबर 2019 में FEO घोषित किया गया था.
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